Film Review: हल्की फुल्की कॉमेडी-रोमांस की डोज है फिल्म ‘दे दे प्यार दे’

फिल्म – ‘दे दे प्यार दे’
कास्ट – अजय देवगन, तब्बू, रकुल प्रीत सिंह, जावेद जाफरी और जिमि शेरगिल आदि
निर्देशक – आकिव अली
जॉनर – कॉमेडी
स्टार – 3 स्टार

मुंबई : समाचार ऑनलाइन (असित मंडल) – अजय देवगन की फिल्म ‘दे दे प्यार दे’ आज रिलीज हुई। इस फिल्म में अजय के साथ तब्बू और रकुल प्रीत सिंह नज़र आ रही है। ‘दे दे प्यार दे ऐसे आदमी की कहानी है जो ख़ुद पचास साल का है और उसे छब्बीस साल की लड़की से प्यार हो जाता है। फिल्म में एज गैप वाली लव स्टोरी, लिव-इन और डिवोर्स को बड़े ही सामान्य है बोलकर पेश किया है। फिल्म में अजय, तब्बू, जावेद जाफरी,जिमी शेरगिल मौजूद है। फिल्म में लोगों को ये सारे करेक्टर काफी पसंद आ रहे है। स्टोर को नए ढंग से पेश किया है। हालांकि हंसना-हंसाना एक कला है और इस कला को लव रंजन बखूबी समझते हैं लेकिन इस बार वो इसमें सफल नहीं हो सके।

फिल्म की कहानी – फिल्म की कहानी 50 साल के आशीष (अजय देवगन) की मुलाकात 26 साल की आयशा (रकुल प्रीत सिंह) से एक दोस्‍त की बैचलर पार्टी मे होती है। बीते 15 साल से अपने देश, अपने बीवी मंजू (तबू) और परिवार से दूर रह रहे आशीष को आयशा का चुलबुला पन भा जाता है और दोनों नज़दीक आने लगते हैं। उम्र के बंधन पर प्यार हावी होने लगता है और आशीष आयशा को अपनी फैमिली से मिलवाने हिमाचल के कुल्लू शहर ले आता है। इत्तेफाक से जब वह अपने घर पहुंचता है, उसके अगले दिन आयशा की उम्र की आशीष की बेटी का रिश्ता घर आ जाता है। आशीष आयशा को अपनी सेक्रेटरी के रूप में परिवार से रूबरू करवाता है। आशीष की बेटी उसे और आयशा को एक दूसरे के करीब देख लेती है तो सच्‍चाई सामने आ जाती है। ये सच्चाई सामने के बाद उसकी बेटी का रिश्ता टूट जाता है। अब ये हंसी मजाक वाले सीन गंभीर हो जाते हैं। आशीष के सामने मंजू है, जिसे छोड़कर वह 15 साल से लंदन में था और एक तरफ आयशा जो सब कुछ छोड़कर उसके साथ शादी के लिए कुल्लू चली आई थी। आशीष मुश्किल में फंसा जाता है। उसके सामने बेटी की रिश्ता बचने का चैलेंज रहता है। लेकिन, क्या वो ये सब कर पाते है। इसे जाने के लिए आपको सिनेमाघरों में जाना पड़ेगा।

फिल्म की कमियां – यह फिल्म भले ही लव रंजन की है, लेकिन इसे डायरेक्ट आकिव अली ने किया है। इस फिल्म में प्यार का पंचनामा, और सोनू के टीटू की स्‍वीटी जैसा कॉमेडी देखने को नहीं मिलेगी। फिल्म में अजय है तो इमोशनल सीन्स का होना लाजमी है। पूरी तरह हंसाने में फिल्म सफल नहीं हो पाती है। फिल्म को जबरन खींचा गया है। फिल्म की कहानी फ़र्स्ट हाफ थोड़ा बोर करता हैं। फ़िल्म के कई सीन बेवजह लगने लगे। इसे और क्रिस्पी बनाई जा सकती थी। फ़िल्म के स्क्रिप्ट लेवल पर ही कई कमियां हैं।

फिल्म की अच्छाई – इंटरवल के बाद जैसे ही कहानी में बाकी किरदार जुडते हैं, तो फिल्म थोड़ी रोचक होती है। इस कहानी में इमोशन हैं, फ़ैमिली वैल्यूज हैं। फ़िल्म में ये संदेश देने की कोशिश की गई है कि प्यार के लिए उम्र मायने नहीं रखती है। फ़िल्म का बेस्ट सीन तब्बू को वो डायलॉग लगता है जब वो अपने और अपने पति से अलग होने की वजहों के बारे में बात करती हैं। फ़िल्म में रकुल प्रीत बहुत अच्छी और फ़्रेश लगी हैं, जब जब वो स्क्रीन पर आती हैं आपके चेहरे पर स्माइल आ जाएगी। फ़िल्म का फ़र्स्ट हाफ़ लंदन में फ़िल्माया गया है और सेकंड हाफ़ किसी ख़ूबसूरत पहाड़ी इलाक़े में, लोकेशंस देखकर दिल ख़ुश हो जाएगा। इस फ़िल्म में ‘सिंघम’ और ‘सोनू के टीटू की स्वीटी’ के फ़ैंस के लिए सरप्राइज़ भी है।

एक्टिंग – फिल्म में तब्बू अच्छी लगी हैं, उनका काम अच्छा था, जिमी शेरगिल और जावेद जाफ़री ने भी अपना काम बढ़िया किया। जिमी शेरगिल को स्‍क्रीन पर कम टाइम मिला लेकिल उन्‍होंने उतने में ही मजा बनाए रखा। अजय देवगन और जावेद जाफरी के संवाद आपको गुदगुदाएंगे।

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निर्देशक – अजय देवगन, तबू, रकुल प्रीत सिंह जैसे सरीखे सितारों से सजी इस फ‍िल्‍म के साथ आकिव अली निर्देशन के क्षेत्र में आए हैं। कुल मिलाकर देखा जाये तो फिल्म ठीक-ठाक बनायीं गई है। फ़िल्म के निर्देशक आकिव अली ख़ुद एक एडिटर हैं, जो दशकों से फ़िल्में एडिट कर रहे हैं, लेकिन जब उन्होंने अपनी फ़िल्म बनाई तो उस पर कैंची चलाने से उनके हाथ काँपने लगे और फ़िल्म के कई सीन बेवजह लगने लगे।

बात करें म्यूजिक की तो फ़िल्म में दो गाने रीमिक्स हैं, बाक़ी गाने ऑरिजिनल हैं। गाने सभी अच्छे हैं, ख़ासकर अरमान मलिक का ‘चले आना’ और अरिजीत सिंह का ‘दिल रोई जाए’ बहुत प्यारा है। फ‍िल्‍म में छह गाने हैं, जिन्‍हें सुनीध‍ि चौहान, नवराज हंस, अरिजीत सिंह, गैरी संधु, नेहा कक्कड़, अरमान मलिक, मीका सिंह, धवनी भानुषाली ने आवाज दी है लेकिन एक भी गाना ऐसा नहीं जो दर्शकों की जुबां पर चढ़ा हो। संगीत अमाल मलिक, विपिन पटना, तनिश्‍क बागची, रोचक कोहली ने दिया है।

De De Pyaar De Movie Review

‘दे दे प्यार दे’ में एज गैप वाली लव स्टोरी के अलावा, लिव इन, तलाक़ जैसे दूसरे मुद्दे पर भी बात की गयी है। अगर आप फ़ैमिली के साथ टाइम पास के लिए ये फ़िल्म देखना चाहें तो देख सकते हैं। पुणे समाचार की ओर से फिल्म को 3 स्टार दिए जाते है।

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