झटपट प्रोसेसिंग से दाखिल करें आयकर रिटर्न,  आखिरी तारीख करीब, विभाग ने शुरू की नई प्रणाली

नई दिल्ली. ऑनलाइन टीम : 31 दिसंबर तक आयकर रिटर्न दाखिल नहीं करने पर 10,000 रुपये तक जुमार्ना भरना पड़ सकता है। सरकार के इस नियम के आलोक में लोग रिटर्न भरने को लेकर गंभीर तो हैं, लेकिन लंबी कतार के चलते परेशानियां सामने आ रही हैं। इस सेवा से जुड़े लोगों की मानें तो जितने मामले लंबित हैं, उसे देखते हुए नहीं लगता कि सीमित समय में रिटर्न फाइलिंग का काम पूरा होगा। इस परेशानी को देखते हुए आयकर विभाग ने रिटर्न फाइलिंग को आसान बनाने के लिए ‘झटपट प्रोसेसिंग’ शुरू की है। अगर आपने अभी तक आयकर रिटर्न दाखिल नहीं की है तो इस नई सुविधा का उपयोग करके जल्द रिटर्न दाखिल करें।

आयकर विभाग की वेबसाइट पर आपको विभाग की ओर से शुरू की गई इस पहल का स्लोगन ‘फाइल करो झट से, प्रोसेसिंग होगी पट से’ देखने को मिलेगा।  आमतौर पर आयकर रिटर्न वेरिफिकेशन  की प्रक्रिया के बाद रिटर्न प्रोसेस  होने में करीब 20 से 45 दिन तक लग जाते हैं, लेकिन अब महज चंद दिनों में प्रोसेसिंग हो रही है।

इसमें बताया गया है कि आप आईटीआर-1 और आईटीआर-4 कैसे दाखिल कर सकते हैं। आईटीआर-1 एक सरलीकृत एक पेज का फॉर्म होता है जो उन आयकरदाताओं के लिए है जो वेतन या पेंशन व एक हाउस प्रोपर्टी से सालाना 50 लाख रुपये की आय प्राप्त करते हैं। आईटीआर-4 उन आयकर दाताओं के लिए है जो व्यवसायी या पेशेवर हैं। इसमें वो लोग भी शामिल हैं जिन्होंने आयकर अधिनियम के सेक्शन 44एडी, सेक्शन 44एडीए और 44एई के अनुसार संभावित आय स्कीम का विकल्प लिया है।

ये वित्त वर्ष 2019-20 के लिए आयकर भरने के प्रावधान हैं और जुर्माने के साथ 31 मार्च 2021 तक आयकर रिटर्न दाखिल किया जा सकता है। इसलिए, अगर आप जुर्माना भरने से बचना चाहते हैं तो अब विलंब मत कीजिए क्योंकि आयकर रिटर्न दाखिल करने की आखिरी तारीख करीब है। आईटीआर वेरिफिकेशन के बाद आयकर अधिनियम 1961 के तहत आयकर विभाग टैक्स की प्रोसेसिंग करता है और फिर प्रोसेसिंग पूरी होने पर उसका नोटिफिकेशन भेजता है। ये नोटिफिकेशन मोबाइल पर और ईमेल आईडी पर भेजा जाता है।