किसानों ट्रैक्टर रैली को नहीं मिली मंजूरी,  कल फिर होगी बैठक

नई दिल्ली. ऑनलाइन टीम : आंदोलनकारी किसानों की महत्वाकांक्षा अब उनके लिए ही भारी पड़ने लगी है। अब पुलिस ने गणतंत्र दिवस पर किसान ट्रैक्टर रैली को मंजूरी देने से साफ इनकार कर दिया है। दिल्ली पुलिस और किसान संगठनों के बीच गुरुवार को सिंघु बॉर्डर के निकट मंत्रम रिजॉर्ट में हुई बैठक बेनतीजा खत्म हो गई। संयुक्त पुलिस आयुक्त (उत्तरी क्षेत्र) एस.एस. यादव इस बैठक का समन्वय कर रहे थे। याद रहे कल सरकार ने अपने तेवर नरम किए तो भी किसान नहीं पिघले। कानून रद्द करने की मांग पर अड़े रहे। सुप्रीम कोर्ट ने भी इसे पुलिस का मामला बताकर पल्ला झाड़ लिया।

ट्रैक्टर रैली के खिलाफ केंद्र सरकार की तरफ से दिल्ली पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी लगाई थी।  चीफ जस्टिस एस ए बोबडे की बेंच ने बुधवार को कहा था, “किसानों की ट्रैक्टर रैली या किसी प्रदर्शन के खिलाफ सरकार की अर्जी पर कोई आदेश जारी नहीं करेंगे। हम पहले ही कह चुके हैं कि इस बारे में पुलिस को फैसला लेने दें।”

इस बीच, हजारों की संख्या में किसान दिल्ली की सीमाओं पर पिछले करीब दो महीने से प्रदर्शन कर रहे हैं। वे नए कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे हैं। प्रदर्शनकारी किसानों का आरोप है कि इन कानूनों से मंडी व्यवस्था और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीद की प्रणाली समाप्त हो जाएगी और किसानों को बड़े कॉरपोरेट घरानों की कृपा पर रहना पड़ेगा। हालांकि, सरकार इन आशंकाओं को खारिज कर चुकी है। भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) नेता राकेश टिकैत ने  कहा है कि किसान केंद्र के नये कृषि कानूनों के खिलाफ ‘मई 2024 तक’ प्रदर्शन करने के लिए तैयार हैं और दिल्ली की सीमाओं पर चल रहा किसानों का आंदोलन ‘वैचारिक क्रांति’ है।सरकार के साथ किसानों की अब अगले दौर की बैठक 22 जनवरी को होगी। इस पर सभी की नजर लगी हुई है।