मशहूर ‘येवले’ चाय में मिलावट की बात साबित

पुणे : समाचार ऑनलाइन – कम समय में ही चाय शौकीनों में लोकप्रिय बने पुणे के मशहूर चाय ब्रांड ‘येवले’ चाय में मिलावट की बात साबित हो गई है। एफडीए (फूड्स एंड ड्रग्स एडमिनिस्ट्रेशन) विभाग ने गत साल 24 सितंबर को कोंढवा में येवले चाय के उत्पादन केंद्र को  रखने का आदेश दिया है। यहां से चाय मसाला, पाउडर आदि के नमूने लेकर जांच के लिए केंद्र सरकार की प्रयोगशाला में भेजे थे। इसकी प्राप्त हुई रिपोर्ट में येवले के चाय उत्पादन में रंग मिश्रित किये जाने की पुष्टि हुई है।
येवले चाय के निदेशकों द्वारा दावा किया जाता रहा है कि उनकी चाय पीने से पित्त नहीं होता, वे चाय के लिए मिनरल वाटर इस्तेमाल करते हैं। एफडीए को जानकारी मिली थी कि येवले चाय में मेलानाइट का इस्तेमाल किया जाता है। इसके चलते एफडीए के सह आयुक्त एस. एस. देशमुख के नेतृत्व में 24 सितंबर 2019 को कोंढवा स्थित येवले चाय के उत्पादन केंद्र में छापा मारा गया। इस कार्रवाई में यहां काम करनेवाले कर्मचारियों के स्वास्थ्य की जांच न किये जाने, सील पैक माल पर कोई जानकारी उल्लेखित न रहने जैसी कई खामियां पायी गई।
एफडीए की टीम ने इस छापेमारी में यहां से चाय पाउडर, चाय मसाला के सैंपल और छह लाख का माल जब्त किया था। सैंपल को जांच के लिए मैसूर की प्रयोगशाला में भेजे गए थे, जिसकी रिपोर्ट मिल गई है। इसमें यह बात साबित हो गई है कि येवले ब्रांड की चाय में मिलावट की जाती है। यहां के फ़ूड प्रोडक्ट की जांच में चाय में रंग मिश्रित किये जाने की जानकारी भी सामने आई है। जबकि फूड्स सेफ्टी एंड स्टैण्डर्ड एक्ट 2006 के तहत बाहर से रंग का इस्तेमाल करना गलत है। बहरहाल पुणे के साथ राज्य के अन्य हिस्सों में पहुंच चुके येवले ब्रांड चाय में मिलावट रहने की जानकारी सामने आने से चाय प्रेमियों में खलबली मच गई है।