Facebook पर लगा 34 हजार करोड़ का जुर्माना; एनालिटिका डेटा लीक विवाद में दोषी

 

–    अंतिम फैसला सुरक्षित

–    किसी टेक कंपनी पर यह अब तक की सबसे बड़ी पेनल्टी

वॉशिंगटन : समाचार ऑनलाइन – अमेरिकी रेग्युलेटर फेडरल ट्रेड कमीशन (एफटीसी) द्वारा फेसबुक पर 5 अरब डॉलर (करीब 34 हजार करोड़ रुपए) का जुर्माना लगाने की सिफारिश की गई है. एफटीसी ने फेसबुक को साल 2018 के कैम्ब्रिज एनालिटिका डेटा लीक विवाद की जांच में दोषी पाया है. एफटीसी ने इस पैनल्टी की मांग डेटा लीक मामले में की है. किसी टेक कंपनी पर यह अब तक की सबसे बड़ी पेनल्टी के रूप में देखी जा रही है. फेसबुक के जुर्माने पर अंतिम फैसला अमेरिकी न्याय विभाग द्वारा लिया जाएगा.

बता दें कि इससे पहले 2012 में गूगल पर 154 करोड़ रुपए का जुर्माना लगा था.

क्या है मामला

मार्च 2018 में फेसबुक के डेटा लीक का सबसे बड़ा मामला सामने आया था. एफटीसी ने फेसबुक को यूजर्स के डेटा की प्राइवेसी और सुरक्षा में चूक का दोषी पाया है. ब्रिटिश कंसल्टेंसी फर्म कैम्ब्रिज एनालिटिका को डेटा लीक करने के मामले में फेसबुक के सीईओ मार्क जकरबर्ग की अमेरिकी संसद में भी पेशी भी हुई थी. इसके बाद एफटीसी ने जांच शुरू हों गई थी.

फेसबुक ने की थी कानूनी समझौते की पेशकश

फेसबुक ने अपने खिलाफ जांच शुरू होने के बाद ही कानूनी समझौते के लिए लगभग 3 से 5 अरब डॉलर के समझौते का प्रस्ताव दिया था. फिर एफटीसी ने भी मामले की जांच खत्म करने के लिए इन्हीं शर्तों के तहत कंपनी पर जुर्माने की रकम तय की थी. बताया जा रहा है कि  पेनल्टी की रकम फेसबुक के 2018 के रेवेन्यू के मुकाबले सिर्फ 9% है.

क्या था कैम्ब्रिज एनालिटिका डेटा लीक विवाद? अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डाटा हुआ इस्तेमाल

फेसबुक को इस बात की जानकारी में ब्रिटिश कंसल्टेंसी फर्म कैम्ब्रिज एनालिटिका ने फेसबुक के 8.7 करोड़ यूजर्स का डेटा हासिल किया था. कैंब्रिज एनालिटिका द्वारा फेसबुक यूजर्स के डेटा का इस्तेमाल 2016 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव को प्रभावित करने के मकसद से किया गया था.