फर्जी कागजात बना कर गाड़ियों की बिक्री करनेवाली टोली का पर्दाफाश, गिरफ्तारी के डर से एक ने की आत्महत्या

नवी मुंबई : महंगी गाड़ियो को कम्पनी में रेंट पर लगाने का लालच देकर उन गाड़ियो को बेचने के आरोप में पनवेल तालुका पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार किया है। एक आरोपी फरार है। चौंकानेवाली बात ये है कि चौथे आरोपी ने आत्महत्या कर ली है। इस मामले से नवी मुंबई में खलबली मची हुई है।

पुलिस उपायुक्त शिवराज पाटिल ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की और मामले का खुलासा किया। दरवली से ज्ञानेश्वर पेढेकर की कार मारुति ईर्टिगा कार नंबर MH43AN4397 को राजशेखर चिक्की गौड़ा ने 18,000 रुपये प्रति माह के किराये पर अगस्त 2020 में ली थी। शुरुआत में उन्हें 1 से 2 महीने का किराया मिला। हालांकि, उसके बाद उन्हें कोई किराया नहीं मिला, उन्होंने राजशेखर से किराये की मांग की। इस बार उसने संतोषजनक जवाब नहीं दिया। इसलिए पेढेकर ने तालुका पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज कराया। पुलिस जांच में पता चला कि इस तरह से कई लोगों को ठगा गया था।

वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक रविंद्र दौंडकर,  पुलिस निरीक्षक अंकुश खेडकर,  सहायक पुलिस निरीक्षक विजय खेडकर,  पुलिस उपनिरीक्षक आकाश पवार और उनकी टीम ने आरोपियों के बारे में जानकारी हासिल करने की शुरुआत की। सूरज नारायण पाटिल (उम्र 34, नि. पुणे) और जगदीश उर्फ चुन्नीलाल चौधरी (उम्र 33, नि. कोपरखैरणे) को पुलिस ने पुणे और नवी मुंबई के कोपरखैरणे से गिरफ्तार किया। जब पुलिस ने पूछताछ की  तो पता चला कि सभी वाहनों के फर्जी कागजात बना कर विभिन्न स्थानों पर उन लोगो ने गाड़ियाँ बेची।

 उसके बाद पुलिस टीम नागपुर,  पुणे और महाराष्ट्र के अन्य स्थानों पर गई और वहाँ से 41 लाख 50 हजार रुपये की 10 गाड़ियाँ जब्त किए। आरोपी राजशेखर चिक्की गुडा ने आत्महत्या कर ली है। एक अन्य आरोपी फरार है। गिरफ्तार किए गए दोनो आरोपी पर डीबी मार्ग पुलिस थाने की सीमा में एक कम्प्यूटर व्यवसायी को 1 करोड़ 18 लाख का चूना लगाने का मामला दर्ज है। डीबी रोड पुलिस थाने की पुलिस इन आरोपियो को ढूंढ रही थी। इन आरोपियो की गिरफ्तारी के बाद कई और अपराध पर से पर्दा उठने की संभावना है।