विशेषज्ञों ने कहा- 62 हजार की ऊंचाई तक छलांग लगाएगा सोना 

नई दिल्ली. ऑनलाइन टीम : सोने की कीमतों में इस वर्ष बढ़ोतरी होना तय है।  विशेषज्ञों का अनुमान है कि  ये 62,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर को पार कर जाएगी। ऐसा अनुमान इसलिए है, क्योंकि भारत सोने की सबसे ज्यादा खपत वाले देशों में से एक है और त्योहारी सीजन और शादी-ब्याह के मौसम में देश में सोने के दाम बढ़ जाते हैं। हालांकि, सिर्फ इसी बात से इस पीली धातु की कीमतें तय नहीं होती हैं। निवेशक भी सोने को सबसे सुरक्षित निवेश विकल्प के रूप में देखते हैं।

अस्थिरता और अनिश्चितता से खुद को बचाने के लिए लोग इस पीली धातु को खरीदते हैं। जाहिर नए आर्थिक वर्ष पर निवेश की भी योजना रहेगी। जब दूसरी संपत्तियां अपना मूल्य खोने लगती हैं, सोना इस गिरावट से बचा रहता है। भारतीयों में सोने का आकर्षण हमेशा से रहा है। समय अच्छा हो या बुरा लोग इस चमकीली धातु का मोह नहीं छोड़ पाते। अर्थव्यवस्था दौड़ी या मंद हुर्इ, निवेशकों ने सोने में खरीद जारी रखी।

अगर आज सोमवार को बाजार की बात करें तो मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज  पर अप्रैल की फ्यूचर ट्रेड 382.00 रुपये की तेजी के साथ 46,118.00 रुपये के लेवल पर थी। इसके अलावा चांदी की मार्च की फ्यूचर ट्रेड 889.00 रुपये की तेजी के साथ 68,150.00 रुपये के लेवल पर थी। बता दें सोने में 8 महीने के निचले स्तर से रिकवरी देखने को मिल रही है।  इंटरनेशनल मार्केट में भी  तेजी जारी है।

दिल्ली में 1 मार्च 2021 को सोने-चांदी का भाव इस प्रकार रहा-

-22 कैरेट गोल्ड – 44810 रुपए
-24 कैरेट गोल्ड – 48910 रुपए
-सिल्वर – 67510 रुपए

याद रखें, सोने की खपत में ग्रामीण मांग की महत्वपूर्ण भूमिका है। यह खपत मुख्य रूप से मानसून पर निर्भर करती है। भारत सालाना 800-850 टन सोने की खपत करता है। इस खपत में 60 फीसदी हिस्सेदारी ग्रामीण भारत की है। अगर फसल अच्छी होती है, तो किसान अपनी आय से संपत्तियां बनाने के लिए सोना खरीदते हैं। इसके उलट, अगर मानसून खराब रहता है तो किसान धन जुटाने के लिए सोने को बेचते हैं।