Exclusive : गडकरी को मुख्यमंत्री बनाने पर राजी थी शिवसेना, संघ भी था सहमत, लेकिन………

मुंबई, 29 नवंबर – आज महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे है. लेकिन कुछ दिनों पहले तक अगर भाजपा के नितिन गडकरी मुख्यमंत्री बनने के लिए मान जाते तो राज्य में शिवसेना-भाजपा गठबंधन की दोबारा सरकार बन चुकी होती। दरअसल शिवसेना देवेंद्र फडणवीस की जगह नितिन गडकरी को मुख्यमंत्री बनाने और ढाई साल तक शिवसेना का मुख्यमंत्री बनाने की अपनी शर्त छोड़ चुकी थी.

शिवसेना ने यह प्रस्ताव भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा को दिया था लेकिन भाजपा का शीर्ष नेतृत्व इसके लिए तैयार नहीं हुआ. जबकि संघ फडणवीस की जगह गडकरी को मुख्यमंत्री बनाने को तैयार थी. बताया जाता है कि जब शिवसेना ने ढाई साल तक अपना मुख्यमंत्री होने की जिद पर अड़ गई थी तो शिवसेना को मनाने के लिए नितिन गडकरी को काम पर लगाया था.
नितिन गडकरी ने उद्धव ठाकरे और भागवत से बात की 
गडकरी ने मुंबई आकर ठाकरे से मुलाकात की और सहमति बनी की अगर भाजपा नितिन गडकरी को मुख्यमंत्री बनाती है तो शिवसेना आदित्य ठाकरे को उपमुख्यमंत्री बनाकर अपनी शर्त छोड़ देगी। इसके बाद गडकरी नागपुर गए और संघ प्रमुख मोहन भागवत से इस पर चर्चा की. वह इसके लिए रेडी हो गए. शिवसेना की तरह से यह प्रस्ताव जेपी नड्डा को दिया गया. नड्डा ने ये मामला पार्टी अध्यक्ष अमित शाह के सामने रखी. शाह ने प्रधानमंत्री से बात की और तय किया गया कि शिवसेना के किसी दबाव के आगे झुकना ठीक नहीं है.
कहा गया कि मुख्यमंत्री बदलने का मतलब शिवसेना के आगे झुकना होगा जिसका राजनीतिक संदेश अच्छा नहीं जाएगा। इसलिए मुख्यमंत्री के नाम पर कोई समझौता नहीं किया गया.
उद्धव ठाकरे लगातार शरद पवार के संपर्क में रहे 
इस दौरान भाजपा के महासचिव और रणनीतिकार भूपेंद्र यादव और देवेंद्र फडणवीस ने एनसीपी नेता अजीत पवार से संपर्क बना रखा था. जबकि शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे शरद पवार से लगातार संपर्क में थे. भाजपा शीर्ष नेतृत्व के कड़े रुख के बाद शिवसेना ने एनसीपी के साथ अपनी बातचीत शुरू की और शरद पवार ने सोनिया गांधी को राजी करके असंभव को संभव कर दिया।