भारतीय संविधान वैज्ञानिक सोच  का उदाहरण : डॉ. राजेंद्र कांकरिया 

चिंचवड़ : समाचार ऑनलाईन – निर्भीकता, विनम्रता, कर्मठता व नैतिकता जैसे कुछ मापदंड वैज्ञानिक दृष्टिकोण के हैं। डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर ने भारतीय संविधान का निर्माण करते समय इनका पूरा इस्तेमाल कर संविधान को वैज्ञानिक पहलुओं का आधार दिया। संविधान का अवलोकन करते समय इस बात की अनुभूति होती है। इसी आधार पर कहा जा सकता है कि भारतीय संविधान वैज्ञानिक दृष्टिकोण का अद्भुत व सजीव उदाहरण है। यह राय शिवाजी यूनिवर्सिटी के पूर्व रजिस्ट्रार डॉ. राजेंद्र कांकरिया ने व्यक्त की। अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति (अंनिस), पिंपरी-चिंचवड़ शाखा के तत्वावधान में चिंचवड़ स्थित प्रतिभा महाविद्यालय के सभागृह में ङ्गभारतीय संविधान और उसका वैज्ञानिक दृष्टिकोणफ विषय पर आयोजित व्याख्यान में वे बोल रहे थे।

उन्होंने कहा कि जिस देश में अभिव्यक्ति, समाचार-पत्रों व विचारों की स्वतंत्रता अबाधित होती है, उसी देश में विज्ञान व प्रौद्योगिकी का विकास होता है। भारतीय संविधान ने इस बातों को आजादी दी है। भारत के सर्वांगीण विकास व मानवीय मूल्यों की रक्षा हेतु यह स्वतंत्रता आवश्यक है। अंनिस के राज्य सचिव मिलिंद देशमुख ने समिति की कार्यपद्धति व गतिविधियों पर प्रकाश डाला।

प्रतिभा शिक्षण शास्त्र महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ. पूर्णिमा कदम की अध्यक्षता में संपन्न इस कार्यक्रम में अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति की पिंपरी-चिंचवड़ शाखा के नवनिर्वाचित अध्यक्ष डॉ. दीपक शाह का स्वागत किया गया। साथ ही शाखा में शामिल नये गणमान्यों को भी सम्मानित किया गया।