इशरे के रैकों कांफ्रेंस में ऊर्जा और पर्यावरण संरक्षण पर जोर

नई दिल्ली, 14 दिसंबर (आईएएनएस)| एक तकनीक तभी कामयाब होती है जब वो जीवन को आसान बनाने के साथ साथ ऊर्जा और पर्यावरण के संरक्षण में भी मदद करे। दो दिवसीय इंडियन सोसाइटी ऑफ हीटिंग, रेफ्रिजरेटिंग एंड एयर कंडीशनिंग (इशरे) के रैकों कांफ्रेंस का मूल केंद्र भी यही था। इस प्रौद्योगिकी सम्मलेन का उद्देश्य ऐसी तकनीकों को सामने लाना है, जिनका पर्यावरण पर ना के बरारबर असर हो। यह सम्मलेन एयर कंडीशनिंग इंडस्ट्री के प्रोफेशनल्स को एक प्लेटफॉर्म देता है, जहां वो इस क्षेत्र के नए तकनीक, नए खोज और चुनौतियों को साझा कर सकें।

इशरे के नेशनल प्रेसिडेंट चंद्रशेखर सुब्रमण्यम ने भी सम्मलेन के दौरान इशरे की भूमिका और जिम्मेदारियों पर चर्चा करते हुए ये कहा की आने वाले समय में ऐसे ही तकनीकों की जरुरत होगी जो ना सिर्फ उन्नत हो बल्कि जिनका पर्यावरण पर कोई नकारात्मक असर न हो।

सम्मलेन में कई मुद्दों पर चर्चा की गई, जिनमें से भारतीय उत्पादकों को सामने अंतर्राष्ट्रीय मानक के स्टार के उत्पाद को बनाने और भारतीय उत्पादों की गुणवत्ता और विश्वसनीयता के बारे में घरेलू खरीदारों को आश्वस्त करना प्रमुख थे।

सम्मलेन में स्मार्ट बिल्डिंग्स के निर्माण पर भी चर्चा की गयी जिससे न सिर्फ प्राकृतिक संसाधनों की बचत हो बल्कि जिनसे हानिकारक उत्सर्जन भी कम हो।

इस सम्मलेन में विश्व भर से आये विशेषज्ञों ने ना सिर्फ भाग लिया बल्कि कई अहम विषयों पर प्रेजेंटेशन देकर नयी खोजों से भी अवगत कराया। अमेरिका के ग्रीनहक फैंस के प्रोडक्ट मैनेजर ट्रॉय गोल्डस्मीड ने लेबोरेटरी एंड फ्यूम एग्जॉस्ट एप्लीकेशन के ऊपर प्रेजेंटेशन दिया वही बिल्डिंग कण्ट्रोल सिस्टम के एक्सपर्ट पी के गोयल ने बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन में इंटरनेट ऑफ थिंग्स के उपयोग पर प्रेजेंटेशन दिया।

सम्मलेन के दौरान कई अन्य विषयों पर भी रिसर्च पेपर्स पेश किए गए, जिनमे नेट जीरो बिल्डिंग एंड एप्लीकेशन, वैरिएबल एयर वॉल्यूम डिफ्यूजर फॉर एनर्जी सेविंग और जियोथर्मल एंड एसोसिएटेड टेक्नोलॉजी का ईको-एयर कंडीशनिंग में उपयोग प्रमुख थे।

इशरे अपने 42 चपेटर्स, 12,000 मेंबर्स और 8,000 स्टूडेंट मेंबर्स के साथ हीटिंग, रेफ्रिजरेटिंग एंड एयर कंडीशनिंग के क्षेत्र में तकनीक के विकास के लिए सतत प्रयत्नशील है।