पुणे रेलवे स्टेशन पर आपातकालीन डिलीवरी

पिंपरी : समाचार ऑनलाइन – जब 9 महीने की गर्भवती 35 वर्षीया श्रीमती सोनाली दत्ता केंद्रे सुबह करीब 10.40 बजे पुणे रेल्वे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर 3 पर पर खड़ी थीं, तभी एक लड़के ने देखा कि महिला की साड़ी से खून रिस रहा है। डॉक्टर को बुलाने के लिए वह तुरंत मेडिकल सेंटर की ओर भागा। पुणे स्टेशन पर आदित्य बिरला की मुफ्त चिकित्सा देखभाल इकाई को रेल्वे के वाणिज्यिक अधिकारी विनीत कुमार और आरपीएफ स्टाफ एस.एम. माने की तरफ से महिला को लगातार हो रहे रक्तस्राव की शिकायत वाला एक फोन आया। डॉ. माया रोकड़े और नर्स सरिता माने के साथ रेलवे कर्मचारी तुरंत प्लेटफॉर्म पर पहुंचे। उन्होंने सामान्य प्रसव कराने की पूरी प्रक्रिया में मदद की।
आदित्य बिरला अस्पताल की डॉ. माया रोकड़े ने बताया, “शुरू में बच्चा रो नहीं रहा था इसलिए हमें बच्चे के प्लांटर रीजन को स्टिमुलेट करना पड़ा और फिर बच्चा तुरंत रोने लगा। बिरला अस्पताल के मेडिकल स्टाफ ने जननी और शिशु दोनों को स्टेबलाइज कर दिया और सुनिश्चित किया कि वे दोनों सामान्य बने रहें। जननी और शिशु की समुचित जांच की गई। नवजात शिशु का वजन 3 किलोग्राम था। नवजात बच्ची के साथ प्रसूता को आगे के इलाज के लिए ससून अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया।
आदित्य बिरला मेमोरियल अस्पताल की सीईओ रेखा दुबे ने कहा, “हमें अपने मेडिकल स्टाफ पर बहुत गर्व है जो इस तरह के आपातकालीन मामलों को संभालने के लिए पुणे स्टेशन पर हमेशा उपलब्ध रहता है। रेलवे कर्मचारियों और रेलवे पुलिस से हमें जो सहयोग मिला वह अद्भुत था। मुझे खुशी है कि मां और बच्चा दोनों ठीक हैं। हमने यात्रियों को चौबीस घंटे मुफ्त चिकित्सा सेवाएं प्रदान करने के लिए अप्रैल 2018 में मध्य रेलवे की पुणे डिवीजन के साथ मिलकर नि: शुल्क चिकित्सा देखभाल इकाई के साथ अपनी शुरुआत की थी। अपनी स्थापना के बाद से यह केंद्र 11000 रोगियों की देखभाल और उनका इलाज कर चुका है, 118 आपातकालीन और महत्वपूर्ण मामलों को हैंडल कर चुका है और चलती ट्रेनों में 320 रोगियों को अटेंड कर चुका है। केंद्र द्वारा हर महीने औसतन 550 से 600 मरीज, 9 से 10 गंभीर और आपातकालीन मामले तथा 40 – 50 मरीज चलती ट्रेन में हैंडल किए जाते हैं। हमारा स्टाफ रेलवे कर्मचारियों के सहयोग और समर्थन के साथ बहुत अच्छा काम कर रहा है।”