अमेरिका में आपातकाल का एलान, हैकर्स ने 100GB डाटा पर जमाया कब्जा 

ऑनलाइन टीम. वॉशिंगटन  : अमेरिकी सरकार ने आपातकाल का एलान कर दिया है। सबसे बड़ी बात यह है कि किसी युद्ध के कारण ऐसी स्थिति नहीं आई, लेकिन घटना किसी युद्ध से कम भी नहीं। दरअसल, अमेरिका में अब तक सबसे बड़ा साइबर अटैक हुआ है। हैकर्स ने अमेरिका की सबसे बड़ी ईंधन पाइपलाइन पर यह साइबर हमला किया है। जानकारी के अनुसार, रैन्समवेयर हमला डार्कसाइड नामके एक साइबर-अपराधी गिरोह ने  गुरुवार को कोलोनियल नेटवर्क में सेंध लगाई और लगभग 100GB डेटा को अपने कब्जे में ले लिया। कोलोनियल पाइपलाइन से प्रतिदिन 25 लाख बैरल तेल जाता है। अमेरिका के ईस्ट कोस्ट के राज्यों में डीजल, गैस और जेट ईंधन की 45 फीसदी आपूर्ति इसी पाइपलाइन से होती है।

जानकारों का कहना है कि इसकी वजह से सोमवार को ईंधन की कीमतें 2-3 फीसदी तक बढ़ जाएंगी, लेकिन उनका मानना है कि अगर इसे जल्दी बहाल नहीं किया गया तो इसका असर और व्यापक हो सकता है।  कंपनी फिलहाल पुलिस, साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों और ऊर्जा विभाग के संपर्क में हैं।  उसकी चार मुख्य लाइनें ठप्प हैं। जानकारों का मानना है कि हमला कोरोना महामारी की वजह से हुआ, क्योंकि इस पाइपलाइन के अधिकत इंजीनियर घरों से कंप्यूटर पर काम कर रहे थे।

तेल बाज़ार के स्वतंत्र विश्लेषक ने बताया कि अभी बहुत सारा ईंधन टेक्सस राज्य की रिफ़ाइनरी में अटक गया है। इमर्जेंसी लगाने से तेल, गैस जैसे ईंधनों को टैंकरों के ज़रिए न्यूयॉर्क तक भेजा जा सकता है। अगर  मंगलवार तक इसे ठीक नहीं किया गया, तो बहुत बड़ी मुश्किल खड़ी हो सकती है। सबसे पहले अटलांटा और टेनेसी पर असर पड़ेगा और इसका असर बढ़ते-बढ़ते न्यूयॉर्क तक चला जाएगा।  अमेरिका में अभी ईंधन की मांग बढ़ रही है, क्योंकि अमेरिका महामारी के झटके से उबरने के लिए अब लोग बाहर आ रहे हैं, और तेल कंपनियां बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए संघर्ष कर रही हैं।