एल्गार  परिषद्  मामला : राज्य सरकार को  अलग से जांच   का अधिकार, पुलिस की भूमिका की जांच हो : शरद पवार 

जलगांव : समाचार ऑनलाइन – एल्गार  परिषद् का जांच केंद्र यानी एनआईए को सौपने का निर्णय पर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मुहर लगा दी है. लेकिन एल्गार और भीमा कोरेगांव मामले की एसआईटी दवारा सैम,सामानांतर जांच के लिए राष्ट्रवादी कांग्रेस आज भी इच्छुक नज़र आ रही है. राज्य सरकार दवारा सामानांतर जांच के सन्दर्भ में गृहमंत्री अनिल देशमुख दवारा संकेत दिए जाने के बाद आज शरद पवार ने फिर से अलग से जांच पर बयान दिया है. जलगांव में हुए एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में शरद पवार बोल रहे थे.

उन्होंने कहा कि  एल्गार  परिषद् और भीमा कोरेगांव अलग अलग मामला है. विद्रोही साहित्य लिखने, सरकार के खिलाफ बोलना देशद्रोह हो सकता है क्या ? एनआईए से जांच कराना केंद्र सरकार का अधिकार है. लेकिन राज्य का भी अधिकार है. राज्य सरकार को विश्वास में लिया जाना चाहिए था. भीमा-कोरेगांव घटना के वक़्त फडणवीस की सरकार थी।  इसलिए इस घटना में कुछ छुपाने के लिए केंद्र सरकार ने जांच एनआईए को सौपा है.

एल्गार  परिषद् मामले की जांच केंद्र को सौपे जाने का मुख्यमंत्री ने समर्थन दिया है. इसके लेकर महाविकास आघाडी सरकार में विवाद पड़ने की संभावना जाहिर की जा रही है. ऐसे में शरद पवार ने मामले की अलग से जांच की मांग कर दी है. अब देखना होगा यह मामला किस मोड़ की तरफ मुड़ता है.

भीमा-कोरेगांव मामले में 22 मामले की जांच पुणे ग्रामीण पुलिस के पास है. इस मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन करने की मांग से जुड़ा पत्र शरद पवार ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को भेजा था. साथ ही गृहमंत्री अनिल देशमुख ने इसे संबंधित फाइल एसआईटी को सौपने की शिफारिस की थी. लेकिन मुख्यमंत्री ने इसे ख़ारिज करते हुए मामले की जांच एनआइए  को सौपे जाने का समर्थन किया है.