एलगार परिषद मामला: एक और आरोपी ने आयोग के समक्ष बयान देने से किया मना

पुणे: समाचार ऑनलाइन- माओवादियों से कथित संबंधों और पुणे एलगार परिषद मामले में आरोपी रहे सुधीर ढवले ने 2018 कोरेगांव भीमा हिंसा मामले की जांच कर रहे आयोग के समक्ष बयान देने से शनिवार को इनकार कर दिया। एल्गार परिषद के माओवाद से संबंध मामले में एक अन्य आरोपी सुरेन्द्र गडलिंग ने भी को आयोग के समक्ष बयान देने से इनकार कर दिया था।
ढवले ने कहा कि उनका आयोग पर ‘‘विश्वास और भरोसा’’ नहीं है। गडलिंग ने सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति जय नारायण पटेल की अध्यक्षता वाले जांच आयोग से कहा था कि वह बयान नहीं देना चाहते क्योंकि इससे निचली अदालत में उनके मामले पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। ढवले ने अपने हलफनामे में ‘‘मामले और घटना के बारे में कुछ तथ्यों को सामने लाने के लिए’’ बयान देने की इच्छा जताई थी।
ढवले के आवेदन को स्वीकार करते हुए न्यायमूर्ति पटेल (सेवानिवृत्त) ने आदेश दिये कि उन्हें न्यायिक हिरासत में वापस भेज दिया जाये। आयोग ने अपने आदेश में कहा, ‘‘ढवले का कहना है कि उसका आयोग पर विश्वास और भरोसा नहीं है क्योंकि उसे राज्य के पूर्व मुख्य सचिव सुमित मुलिक पर आपत्ति है जो आयोग का हिस्सा है।’’ ढवले एल्गार परिषद के आयोजकों में थे।
भीमा कोरेगांव युद्ध के 200 साल पूरे होने के अवसर पर एक जनवरी, 2018 को जिले के कोरेगांव भीमा युद्ध स्मारक के निकट कार्यक्रम का आयोजन किया गया था और इस दौरान हुई हिंसा की आयोग जांच कर रहा है। हिंसा की जांच के सिलसिले में गडलिंग और ढवले समेत 10 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। पुणे पुलिस का दावा है कि एल्गार परिषद में भड़काऊ भाषण दिये गये। पुलिस ने यह भी आरोप लगाया है कि परिषद को माओवादियों का समर्थन भी हासिल था।