मोदी शासन के दौरान सच्चाई, पारदर्शिता को किनारे रख दिया गया : सोनिया

नई दिल्ली (आईएएनएस) : समाचार ऑनलाईन – संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बुधवार को मोदी सरकार पर डींगे हांकने और डराने को सरकार की नीति को तौर पर अपनाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि इस सरकार के शासनकाल में सच्चाई और पारदर्शिता को निर्लज्जता के साथ एक तरफ रख दिया गया है। कांग्रेस संसदीय पार्टी (सीपीपी) जनरल बॉडी के सदस्यों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि बीता पांच वर्ष देश के लिए अभूतपूर्व आर्थिक और सामाजिक तनाव का रहा है।

उन्होंने कहा, “पूरे देश में व्यापक रूप से डर और कलह का माहौल है। पूर्वोत्तर जल रहा है। जम्मू एवं कश्मीर में अलगाववाद ने नई ऊंचाईयां छुईं हैं। आदिवासियों और अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया जा रहा है। किसान जबरदस्त तनाव झेल रहे हैं। युवाओं के लिए नौकरियां पूरी तरह से खत्म हो रही हैं, जैसा पहले कभी नहीं हुआ था। डींगे हांकाना और धमकाना मोदी सरकार की नीति बन गई है। सच्चाई और पारदर्शिता को परे रख दिया गया है।”

सोनिया ने कहा कि मोदी सरकार ने राजनीतिक विरोधियों को डराने और संस्थानों को बर्बाद करने का काम किया है। उन्होंने कहा, “हमारे लोकतांत्रिक गणराज्य के मूल तत्वों पर मोदी सरकार ने प्रणालीगत तरीके से हमला किया। मोदी सरकार ने हमारे संविधान के प्रावधानों, सिद्धांतों और मूल्यों पर लगातार हमला किया है।” उन्होंने कहा, “विरोध को दबा दिया गया है। सभी आजादी में सबसे महत्वपूर्ण बालने की आजादी पर पाबंदी लगाई गई। सत्तारूढ़ प्रतिष्ठान से अलग विचार रखने वाले को प्रताड़ित किया गया।” उन्होंने कहा, “प्रवर समितियों के संस्थान लगभग गायब हो गए हैं। धन विधेयक के रास्ते को, जिसे सर्वोच्च न्यायालय के एक न्यायाधीश ने ‘संविधान पर फर्जीवाड़े’ के रूप में करार दिया था, दोनों सदनों में वैध जांच से बचने के लिए बहाल किया गया।”

लोगों को गुमराह करने का भाजपा पर आरोप लगाते हुए, उन्होंने कहा, “यह अब सर्वविदित हो चुका है कि 2014 के जनादेश के साथ धोखा किया गया। मैं इसे कुछ अलग ढंग से देखती हूं। यह जनादेश ही लोगों को गुमराह करके प्राप्त किया गया। यह तय था कि इसका जल्द या बाद में पर्दाफाश होना था और वास्तव में यही हुआ।” सोनिया ने कहा कि राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत ने एक नई उम्मीद जगाई है और पार्टी अगले लोकसभा चुनाव में नए आत्मविश्वास और प्रतिबद्धता के साथ लड़ेगी।

उन्होंने कहा, “हमारे विरोधियों को पहले अपराजेय माना गया। कांग्रेस अध्यक्ष ने उनका सामना किया और हमारे लाखें कार्यकर्ताओं को एकजुट किया। हमने वहां जीत दर्ज की जो उनका मजबूत गढ़ माना जाता था। हमारे देश के लोग बुद्धिमान हैं। वे जानते हैं कि ‘जुमलेबाजी’ संवेदनशील और जवाबदेह शासन का विकल्प नहीं है।” मोदी सरकार पर अपना हमला जारी रखते हुए संप्रग अध्यक्ष ने कहा कि लोग जानते हैं कि काल्पनिक, मंच प्रबंधन और मार्केटिंग तिकड़म कभी भी जिम्मेदार और जवाबदेह सरकार का विकल्प नहीं हो सकते।

उन्होंने कहा, “हमारे राजनीतिक प्रतिद्वंदियों के पास असीमित संसाधन हैं। उन्हें कोई संकोच नहीं है और हमारे आगे बढ़ रहे मार्च को रोकने के लिए वे कुछ भी करेंगे। हम उन्हें सफल होने नहीं देंगे। हम उनका सामना करेंगे और उनके साथ लड़ेंगे।” उन्होंने कहा, “हमें निश्चित ही याद रखना चाहिए कि एकता, आत्म-बलिदान और आत्म-अनुशासन हमेशा से महत्वपूर्ण रहे हैं। इनका आज हमारे देश के इतिहास के महत्वपूर्ण क्षण में और बड़ा महत्व है।” बाद में सोनिया ने पार्टी नेता मल्लिकाजुर्न खड़गे को लोकसभा में कांग्रेस पार्टी के नेता के तौर पर उनके योगदान के लिए धन्यवाद दिया और कहा, “स्पष्ट पक्षपात के समक्ष उन्हें सुने जाने के अधिकार के लिए वे चट्टान की भांति खड़े रहे।”

उन्होंने कहा, “बीते पांच वर्ष काफी मुश्किल रहे। लेकिन दोनों सदनों में आप सभी सांसदों ने सबसे मुश्किल परिस्थितियों में भी अपना सर्वश्रेष्ठ दिया। मैं जानती हूं कि यह आसान नहीं है, क्योंकि हमें प्राप्त लोकतांत्रिक अधिकार को जानबूझकर हमें नहीं दिया गया। लेकिन हम टिके रहे और इसके लिए मैं आप सभी सांसदों को बधाई देती हूं।” सोनिया ने यह भी कहा कि पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी ने पार्टी में नई ऊर्जा का संचार किया है। उन्होंने कहा, “वह अनुभव और युवाओं को मिलाकर एक टीम को लेकर आए। उन्होंने अथक परिश्रम किया है। वह अन्य राजनीतिक पार्टियों के पास भी गए जो हमारे भारत के विजन को साझा करती हैं, जो संपूर्ण सामाजिक न्याय के साथ तीव्र आर्थिक वृद्धि के एजेंडा को साझा करतीं हैं, जो किसानों,खेत-मजदूरों, महिलाओं और युवाओं, संगठित व असंगठित क्षेत्रों के मजदूरों के बारे में हमारे एजेंडे को साझा करती हैं।”