सूखे में जुल्मी वसूली नहीं करने की वजह से बकाया बढ़ा ; भाजपा का पलटवार

मुंबई, 20 नवंबर हमारी सरकार  के समय चार वर्ष सूखा था ।   किसान परेशान थे ।   ऐसे समय में उनसे बिजली बिल वसूल करना चाहिए था क्या ? यह सवाल करते हुए भाजपा ने ऊर्जा मंत्री नितिन राऊत के आरोपों पर गुरुवार को पलटवार किया।

भाजपा प्रवक्ता विश्वास पाठक ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा कि भाजपा  के कार्यकाल  में बकाया बिजली बिल  50 हज़ार करोड़ रुपए पहुंचने पर लॉकडाउन की अवधि के बढे बिजली में  छूट नहीं देने की बात करना नितिन राऊत का भ्रम पैदा करने  वाला बयान  है।
पाठक ने कहा कि 2014 में भाजपा की सत्ता आई थी तब 21 हज़ार करोड़ रुपए का बकाया था।  आज यह 47 हज़ार करोड़ रुपए है।  लॉकडाउन की अवधि में लोगों दवारा बिल जमा नहीं करने की वजह से 5 हज़ार करोड़ का बकाया इसमें शामिल है।  बकायेदारों से वसूले जाने वाले 18% दंड ब्याज इसी में शामिल है।  हमारे समय में सूखा था तब कृषि पंप पर बिजली का इस्तेमाल बढ़ा था।  पहले 21 लाख करोड़ यूनिट का इस्तेमाल 32  लाख करोड़ यूनिट पर पहुंच गया है।  हमारी सरकार ने 6 लाख नए कृषि पंप जोड़ा था ।  पहले  की सरकार में बिजली बिल वसूली 100 रुपए पर 21 रुपए थी जो अब 65 रुपए पर पहुंच गई है।
एक ट्रांसफार्मर पर 25 कृषि पंप का कनेक्शन होगा और इनमें से एक कनेक्शन का बकाया रहता है तो सभी कनेक्शन काट दिया जाएगा।  इस तरह का तुगलगी फरमान आघाडी सरकार ने दिया था।  इसका बड़ा असर किसानों पर हो रहा है। हमारी सरकार आने पर उस सर्कुलर को रद्द किया गया।  हमारे समय में महावितरण लाभ में थी।  इसलिए नितिन राऊत लोगों को भ्रमित नहीं करे।