पुणे : समाचार ऑनलाइन – विधानसभा चुनाव के पहले से भाजपा में जारी कांग्रेस व राष्ट्रवादी कांग्रेस के नेताओं की इनकमिंग हमेशा से चर्चा का विषय रही है। अब भाजपा के पुराने नेताओं को पार्टी में शुरू इनकमिंग से असुरक्षितता महसूस होने लगी है। कुछ इसी तरह की भावना व्यक्त करते हुए भाजपा के भूतपूर्व प्रदेशाध्यक्ष कि मौजूदा केंद्रीय मंत्री रावसाहेब दानवे ने कहा कि, पार्टी में बाहरी नेताओं की जारी ‘मेगाभर्ती’ से खुद को ही बाहर फेंके जाने का डर सताने लगा है।
मावल तालुका स्थित वडग़ांव मावल में आयोजित विजय संकल्प सम्मेलन में पधारे केंद्रीय मंत्री दानवे ने कहा कि, भाजपा में लोगों की कमी नहीं है बल्कि दूसरी पार्टियों के नेताओं की जारी इनकमिंग से हम पर जान मुट्ठी में रखकर बैठने की नौबत आई है। उन्होंने यह भी कहा कि मेगाभर्ती से पुराने भाजपाइयों पर कोई प्रतिकूल प्रभाव होगा, यह इतना आसान नहीं है। एक समय था जब एक कार्यकर्ता को तैयार करने में दस दस साल लगते थे। तब कहीं जाकर वह पार्टी में 30 सालों तक काम करता था। मगर अब हालात बदल गए हैं। अभी का कार्यकर्ता अगले चुनाव में पार्टी के साथ होगा या नहीं, यह कोई नहीं बता सकता।
जो लोग पार्टी बदलकर भाजपा में आए हैं वे आसानी से नहीं आये हैं। उन्होंने काफी विचारपूर्वक इसका फैसला किया। भाजपा में जाने पर अपना निभेगा या नहीं, वहां अपने को संभालकर लेंगे या नहीं? ऐसे कई सवालों ने उन्हें रात- रात भर सोने नहीं दिया। इसके बाद उन्होंने हिम्मत दिखाई और भाजपा में शामिल हुए। पुराने कार्यकर्ताओं को भी चाहिए कि वे नए कार्यकर्ताओं को बैल की भांति सिंग न मारे, बल्कि उन्हें संभालकर लें। इन शब्दों में रावसाहेब दानवे ने पुराने भाजपाइयों को संयम रखने की सलाह दी। दूसरी पार्टियों के लोग हमपर टिप्पणी कर रहे हैं कि हम डरा धमकाकर लोगों को भाजपा में शामिल कर रहे हैं। ऐसा कुछ नहीं है हमें डराने या धमकाने की जरूरत नहीं है। बल्कि उनके बर्ताव के कारण उनके लोग उनका साथ छोड़ रहे हैं। दानवे ने इसे सउदाहरण स्पष्ट करते हुए कहा कि, अगर राहुल गांधी इस्तीफा वापस लेने की विनंती को लगातार नजरअंदाज कर रहे हों, कार्यकर्ता खुद को असुरक्षित महसूस करेंगे ही और जहां उन्हें सुरक्षित महसूस होगा वहीं जाएंगे।