DSK Scam | डीएसके मामले में 1000 पन्नों की फॉरेंसिक ऑडिट रिपोर्ट पेश

पुणे (Pune News), 20 अगस्त : DSK Scam | छले दो वर्षों से चल रहे बिल्डर दीपक कुलकर्णी (Builder Deepak Kulkarni)  (डीएसके) दवारा जमाकर्ताओं  के साथ की गई ठगी (Fraud) मामले में फोरेंसिक ऑडिट रिपोर्ट (forensic audit report) आख़िरकार विशेष न्यायाधीश जयंत राजे (Jayant Raje) की कोर्ट (Court) में पुलिस (Police) ने पेश किया है। करीब एक हज़ार पेज की इस रिपोर्ट में डीएसके (DSK Scam) दवारा 15 वर्षों में किये गए काम का लेखाजोखा दिया  गया है।

डीएसके ने रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया (Reserve Bank of India) के नियमों का उल्लंघन किया है तो कैसे किया ? इसके साथ ही पूरी आर्थिक गड़बड़ी कैसे की गई इसकी तफ्शील से जानकारी दी गई है।  रिपोर्ट बनाने के लिए 2 दिसंबर 2017 को मुंबई (Mumbai) के डी जी ठकरार (D G Thakkar) अड़ असोसिएट्स की नियुक्ति की गई थी।  इस अपराध के तकनीकी सबूत के तहत ऑडिट करने का काम कंपनी को सौंपा गया था।  रिपोर्ट पेश नहीं होने पर बचाव पक्ष द्वारा इसे पेश करने की मांग की गई थी. इस पर तात्कालिक न्यायाधीश ने पुलिस को निर्देश दिया था कि एक महीने के अंदर कोर्ट के समक्ष रिपोर्ट पेश की जाए। इस पर कंपनी द्वारा कोर्ट को बताया गया कि 11 मार्च 2019 को रिपोर्ट पेश की जाएगी।  लेकिन यह रिपोर्ट अब तक पेश नहीं की गई थी।

आर्थिक ठगी (financial fraud) के मामलों की जांच के लिए पुलिस या वकील एक्सपर्ट हो, ऐसा नहीं है।  इसलिए अपराध की कुंडली खंगालने के लिए सरकारी मान्यता प्राप्त सीए फर्म की नियुक्ति की जाती है।  यह फर्म निष्पक्षता से अपराध करने वाली कंपनी का ऑडिट करती है.

इससे जमाकर्ताओं के साथ कैसे ठगी की गई? यह सामने आता है। इसलिए फर्म द्वारा पेश की गई रिपोर्ट महत्वपूर्ण सबूत होता है।  इससे अपराध की सजा दिलाने में मदद मिलती है।

 

 

 

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