बॉक्सिंग के पहले द्रोणाचार्य पुरस्कार विजेता कोच OP Bhardwaj का निधन, राहुल गांधी को सिखाए थे बॉक्सिंग के गुर

नई दिल्ली: ऑनलाइन टीम- भारतीय बॉक्सिंग जगत के लिए बुरी खबर है। इस खेल में पहला द्रोणाचार्य अवॉर्ड हासिल करने वाले कोच ओपी भारद्वाज( OP Bhardwaj Dies) का लंबी बीमारी के कारण शुक्रवार को निधन हो गया। वो 82 साल के थे। उन्होंने 2008 में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को भी दो महीने तक मुक्केबाजी के गुर सिखाए थे। उनकी पत्नी संतोष की भी 10 दिन पहले ही बीमारी के कारण मौत हो गई थी।

पूर्व मुक्केबाजी कोच और भारद्वाज के पारिवारिक मित्र टीएल गुप्ता ने पीटीआई को यह जानकारी दी। वे स्वास्थ्य संबंधी कई परेशानियों के कारण पिछले कई दिनों से काफी बीमार थे और अस्पताल में भर्ती थे। पत्नी के निधन से भी उन्हें गहरा सदमा पहुंचा था।

भारद्वाज को 1985 में भालचंद्र भास्कर भागवत (कुश्ती) और ओएम नांबियार (एथलेटिक्स) के साथ कोचिंग के सबसे बड़े द्रोणाचार्य पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। इस पुरस्कार की शुरुआत इसी वर्ष हुआ था। भारद्वाज 1968 से 1989 तक भारतीय राष्ट्रीय मुक्केबाजी टीम के कोच थे। वह राष्ट्रीय चयन समिति के सदस्य भी रहे। उनके कोच रहते हुए भारतीय मुक्केबाजों ने एशियाई खेल, राष्ट्रमंडल खेल और दक्षिण एशियाई खेलों में पदक जीते।
भारद्वाज पटियाला के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ स्पोर्ट्स (NIS) में पहले चीफ इंस्ट्रक्टर थे। बॉक्सिंग के पूर्व नेशनल कोच जीएस संधू ने भी ओपी भारद्वाज के निधन पर दुख जताया है।