महाराष्ट्र में ‘ऑपरेशन लोटस’ का सपना देखने वाले सपने में ही रहें

महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महाविकास आघाडी सरकार को एक बार फिर से अस्थिर करने की कोशिश शुरू हो गई है। यह दावा करते हुए शिवसेना ने भाजपा नेताओं और राज्यपाल पर तंज कसा है। शिवसेना ने दावा किया है कि कुछ भाजपा नेताओं ने घोषणा की है कि वे मार्च-अप्रैल में महाराष्ट्र में ‘ऑपरेशन लोटस’ शुरू करेंगे। इस पर शिवसेना ने राज्यपाल पर भी निशाना साधा है।

राजनीतिक उथल-पुथल के बाद पड्डुचेरी में कांग्रेस की सरकार गिर गई है। पड्डुचेरी में आए इस राजनीतिक भूकंप पर शिवसेना ने सामना के सम्पादकीय के माध्यम से भाजपा और राज्यपाल पर निशाना साधा है। “पुडुचेरी में कांग्रेस की सरकार गिर गई है। मुख्यमंत्री नारायणसामी की सरकार का समर्थन करने वाले पांच विधायकों ने पल्ला झाड़ लिया।

उसके बाद सरकार अल्पमत में आ गई। पांच विधायकों ने साढ़े चार साल तक कांग्रेस सरकार का समर्थन किया। अन्ना डीएमके के विधायक भी इसमें थे, लेकिन अब ये सभी विधायक भाजपा की कठपुतली बन गए। विधानसभा चुनाव में चार महीने हैं। तब तक, भाजपा या केंद्र सरकार रोक सकती थी, लेकिन यहां भी  भाजपा ने सरकार गिरा कर दिखा दिया। शिवसेना ने कहा कि कुछ भाजपा नेताओं ने घोषणा की है कि वे पुड्डुचेरी में सरकार को उखाड़ फेंकेंगे के बाद अब मार्च-अप्रैल में महाराष्ट्र में ‘ऑपरेशन लोटस’ शुरू करेंगे।

शिवसेना ने राज्यपाल पर निशाना साधते हुए कहा कि पुड्डुचेरी में सरकार को उखाड़ फेंकने वाले सभी प्रयास महाराष्ट्र में भी किए गए। पुड्डुचेरी की उप-राज्यपाल किरण बेदी ने सामी की सरकार को काम करने नहीं दिया। पुड्डुचेरी एक केंद्र शासित प्रदेश है, इसलिए यहाँ के राज्यपाल के पास अधिक शक्तियां होती हैं।

इसलिए किरण बेदी ने मुख्यमंत्री द्वारा जनता के हित में लिए गए हर फैसले को पलटना शुरू कर दिया। जब तक दिल्ली से कोई आदेश नहीं आएगा, तब तक उप राज्यपाल इस तरह का कार्य नहीं करेंगे। राज्यपाल चाहे महाराष्ट्र के हों या पुड्डुचेरी के, वह दिल्ली से आए आदेशों का पालन करना होता है। राज्यपाल का उपयोग भोजन में करीपत्ते के रूप में किया जाता है। किरण बेदी को भी करी पत्ते के तरह उपयोग करके फेंक दिया गया है।  इसे महाराष्ट्र में तड़का लगाने वाले ‘सब्जियो’ द्वारा समझा जाना चाहिए। अगर विरोधियों को लगता है कि राज्य सरकारों को उखाड़ फेंकने के लिए केंद्रीय सत्ता का उपयोग करना बहादुरी है, तो यह गलत है।

‘अब महाराष्ट्र’ का सपना कुछ लोग देखते हैं, तो वे…

पुड्डुचेरी में जो भी हुआ उस से तो यही लगता है कि महाराष्ट्र में भी वही चल रहा है। एक समय दक्षिण में कांग्रेस का दबदबा था। आज पुडुचेरी जैसा छोटा राज्य भी उनके हाथ में नहीं है। देश में सिर्फ पंजाब, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में ही कांग्रेस की सरकार बची हैं। महाराष्ट्र और झारखंड में कांग्रेस गठबंधन में शामिल है। झारखंड में भी सरकार को अस्थिर किया जा रहा है। इसके लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के पीछे केंद्रीय जांच एजेंसी को लगा दिया गया है। यह वातावरण लोकतंत्र के लिए घातक है। सिद्धांतों और नैतिकता को लपेटकर सत्ता पाने के लिए जो राजनीति चल रही है, वह चिंताजनक है। पश्चिम बंगाल से लेकर पुड्डुचेरी तक,  महाराष्ट्र से लेकर जम्मू-कश्मीर तक इस तरह का खेल खेलना उचित नहीं है। अगर ‘पुड्डुचेरी हुआ, अब महाराष्ट्र’ का सपना कुछ लोगों को आ रहा है तो वो सपनो में ही रहे। यह महाराष्ट्र की जनता द्वारा लिया गया निर्णय है। वह नहीं बदलेगा। महाराष्ट्र का मन मजबूत है, उसके इरादे पक्के हैं। मध्य प्रदेश, पुड्डुचेरी का खेल महाराष्ट्र में नहीं खेला जाएगा। अंत में यही कहना है कि राजनीति का एक मंत्र महत्वपूर्ण है ‘जो गिरता है वही उठता है’ ,  यह सभी पर लागू होता है ।