आनंदवन की मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. शीतल आमटे के लैपटॉप, मोबाइल और टैब का लॉक को खोलने में मुंबई के फोरेंसिक लैब को असफलता मिली है। इसलिए अब मोबाइल, लैपटॉप और टैब को पुणे के फॉरेंसिक लैब में भेज दिया गया है। शीतल की मृत्यु को साधे तीन महीनेपूरे हो चुके हैं हाई-प्रोफाइल केस होएनेके बाद भी पुलिस को जांच में लंबा समय लग रहा है।
आनंदवन की मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. शीतल आमटे ने 30 नवंबर को अपने कमरे में एक इंजेक्शन लगाकर आत्महत्या कर ली। यह आत्महत्या है या फिर एक्सिडेंटल मौत ये अभी तक साफ नहीं हुआ है। पुलिस अधीक्षक अरविंद साल्वे ने कहा था कि श्वासनलिका बंद होने के कारण डॉ. शीतल की मृत्यु हुई। यह भी बताया गया कि उनके लैपटॉप, मोबाइल और टैब को मुंबई में फॉरेंसिक लैब में भेजा गया था। हालांकि मुंबई की फोरेंसिक लैब शीतल के मोबाइल, लैपटॉप और टैब के लॉक को खोलने में असफल रही । शीतल की आँखें उसके लैपटॉप, टैब और मोबाइल का पासवर्ड थीं। इस पासवर्ड का उपयोग उनकी मृत्यु के बाद नहीं किया जा सकता है। इसलिए इन तीन वस्तुओं को मुंबई भेजा गया था। हालांकि, मुंबई फोरेंसिक लैब भी असफल रही। अंत में उसे पुणे में एक फोरेंसिक लैब में भेजा गया।
सालवे ने कहा कि इन तीनो चीजों को पुणे भेजे हुए 15 दिन से ज्यादा हो गए हैं। हालाँकि अभी तक फोरेंसिक लैब लैपटॉप, मोबाइल और टैब खोलने में सफल नहीं हुई है। ऐसी जानकारी सामने आ रही है कि संबंधित मोबाइल कंपनी और लैपटॉप कंपनी के इंजीनियर भी इसका लॉक नहीं खोल पाए। जब तक लैपटॉप और मोबाइल का लॉक नहीं खुलता है तब तक बहुत सारी बाते स्पष्ट नहीं होंगी। उन्होंने कहा कि पुणे की लैब लॉक खोलने की कोशिश कर रही है।