NASA की नौकरी छोड़कर महाराष्ट्र के नासिक के नर्वेकर घर लौटे, किसानों के लिए बनाया अत्याधुनिक मौसम केंद्र

नासिक : (NASA) महाराष्ट्र और भारत में किसान पिछले कई वर्षों से विभिन्न कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं। कभी सूखा तो कभी (NASA) भारी बारिश से राज्य के किसान परेशान हैं। प्रकृति की बेरुखी से किसानों के सिर पर कर्ज भी बढ़ता जा रहा है। इसका खामियाजा किसानों के साथ-साथ भारतीय कृषि क्षेत्र Indian agricultural sector को भी भुगतना पड़ रहा है। ऐसे में अगर किसानों को जलवायु परिवर्तन Climate change की पूर्व चेतावनी मिल जाए तो नुकसान को काफी हद तक कम किया जा सकता है। इसे ध्यान में रखते हुए अमेरिका America के नासा NASA में कार्यरत डॉ. पराग नार्वेकर Dr. Parag Narvekarने लाखों रुपए की नौकरी छोड़कर घर लौट चुके हैं।

अमेरिका के नासा में 12 साल तक नौकरी करने के बाद डॉ. पराग नार्वेकर ने घर लौट कर एक अत्याधुनिक मौसम केंद्र विकसित किया है जो किसानों के काम आएगा। उल्लेखनीय है कि संबंधित मौसम विज्ञान केंद्रों के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले सेंसर की कीमत करीब 1.5 लाख रुपये थी। लेकिन पराग नार्वेकर ने इस सेंसर को सिर्फ दस हजार रुपये में उपलब्ध कराया है। उन्होंने पिछले तीन साल की रिसर्च के बाद इन सेंसर को विकसित किया है। जिससे किसानों को कई तरह से फायदा होगा।

 दरअसल पराग नार्वेकर ने अपनी पढ़ाई IIT मुंबई से पूरी की है। इसके बाद वह सीधे नासा पहुंचे। उन्होंने यहां 12 साल तक काम किया। इस बीच उन्होंने कृषि में उपग्रह और सेंसर आधारित प्रौद्योगिकियों पर शोध किया है। लेकिन अमेरिका और यूरोप में इस्तेमाल किए जाने वाले उन्नत कृषि तकनीक भारत में भी उपलब्ध कराने के विचार से उन्होंने नासा में अपनी आकर्षक नौकरी छोड़ दी है।

नासिक में सह्याद्री फार्म के सहयोग से नार्वेकर द्वारा विकसित अत्याधुनिक मौसम विज्ञान केंद्र किसानों को अपने खेतों में लगाने और हवा की गति, दिशा, सौर विकिरण, वाष्पीकरण, बारिश, नमी, तापमान आदि के बारे में जानकारी प्राप्त करने में सक्षम करेगा। साथ ही यदि फसल की जड़ों को पानी की आवश्यकता हो या फसल पर किसी रोग का प्रकोप हो तो यह पूर्व चेतावनी भी देता है। इससे किसानों को काफी फायदा होगा। मौसम में उतार-चढ़ाव की पूर्व चेतावनी से किसानों को नुकसान से बचने में मदद मिलेगी।