डॉ. नरेंद्र दाभोलकर हत्या प्रकरण

पुणे : समाचार ऑनलाईन – महाराष्ट्र अंधश्रध्दा निर्मूलन समिति के संस्थापक अध्यक्ष डॉ. नरेंद्र दाभोलकर हत्या प्रकरण में सीबीआई द्वारा मुंबई से गिरफ्तार किए गए एड. संजीव पुनालेकर तथा विक्रम भावे को रविवार को पुणे सत्र न्यायालय ने 1 जून तक सीबीआई हिरासत में रखने का आदेश दिया। भावे ने घटनास्थल की रेकी की तथा पुनालेकर ने हत्यारों को नष्ट करने के लिए मदद की ऐसा दावा विशेष सरकारी वकील ने किया।

शनिवार को पुनालेकर तथा भावे को मुंबई से गिरफ्तार करने के बाद रविवार की सुबह दोनों को पुणे सत्र न्यायाधीश एस. एम. सोनवणे के समक्ष पेश किया गया। सीबीआई के विशेष सरकारी वकील प्रकाश सूर्यवंशी ने जिरह करते हुए कहा कि डॉ. दाभोलकर हत्या प्रकरण में आरोपियों ने इस्तमाल की हुई दुपहिया बरामद करने के लिए भावे की जांच करना जरूरी है। वहीं एड. पुनालेकर ने डॉ. दाभोलकर तथा पत्रकार गौरी लंकेश हत्या प्रकरण में इस्तमाल की गई रिवाल्वर नष्ट करने में मदद की है। इसलिए इस साजिश की व्याप्ति को देखते हुए भावे और पुनालेकर से जांच करना जरूरी है।

एड. पुनालेकर ने अपना पक्ष खुद रखते हुए कहा कि कर्नाटक पुलिस द्वारा दर्ज किए गए शरद कलसकर के बयान के आधार पर मुझे गिरफ्तार किया गया है। कलसकर पिछले आठ माह से पुलिस हिरासत में है। हिरासत में लेने के बाद ही उसका बयान दर्ज किया गया। अगर उसके बयान के आधार पर मुझे गिरफ्तार किया गया है तो इतनी देर क्यों लगाई गई? कलसकर मेरा मुवक्किल है। उसके कृत्य के लिए मुझे जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता। इस प्रकरण के आरोपियों का मैं वकील हूं। इसलिए मुझ पर इस प्रकार की कार्रवाई करना गलत है। दोनों पक्षों की जिरह सुनने के बाद न्यायाधीश सोनवणे ने पुनालेकर तथा भावे को 1 जून तक सीबीआई की हिरासत में रखने का आदेश दिया।