डोनाल्ड ट्रम्प सरकार ने दिया बढ़ा झटका, H-1 बी वीजा की एप्लीकेशन फीस इतने रुपए बढ़ा दी

वाशिंगटन , 8 नवंबर – अमेरिकी ट्रम्प सरकार ने H-1 बी वीजा के लिए एप्लीकेशन फीस 10 डॉलर (करीब 700 रुपए) बढ़ा दी है. अमेरिका के इस कदम से अब अमेरिका में काम करने वालों को ज्यादा  पैसे खर्च करने होंगे। अमेरिकी नागरिकता और आव्रजन सर्विस की ओर  जारी बयान में कहा गया है कि इस फीस के जरिये इलेक्ट्रॉनिक रजिस्ट्रेशन सिस्टम को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी। आने वाले समय में  H-1 बी  वीजा के लिए लोगों को सिलेक्शन में आसानी होगी।

फीस पर डालें एक नज़र 
– H-1 बी वीजा आवेदन के लिए 460 डॉलर (करीब) लिए जाते है.
– इसके अलावा कंपनियों को धोखाधड़ी रोकने और जांच के लिए 500 डॉलर  (करीब 35 हज़ार रुपए) का अतिरिक्त भुगतान भी करना पड़ता है.

-प्रीमियम क्लास में 1410 डॉलर (करीब 98 हज़ार रुपए) का अतिरिक्त भुगतान करना पड़ता है.

क्या है  H-1 बी  वीजा 

अमेरिका हर साल हाई स्किल्ड विदेशी कर्मचारियों को अमेरिकी कंपनियों में काम करने लिए  H-1 बी  वीजा जारी करता है. ट्रम्प प्रशासन ने भारतीयों को अनावश्यक रूप से निशाना बनाया और यहां के कर्मचारियों के  H-1 बी  वीजा आवेदन सबसे ज्यादा रद्द किये है.

कैसे किया जाता है    H-1 बी  वीजा के लिए आवेदन 
  H-1 बी  वीजा  के लिए आवेदन करने वालों को पहले खुद को ईआरएस में रजिस्ट्रशन कराना होगा। मैन्युअल रजिस्ट्रेशन सिस्टम के तहत    H-1 बी  वीजा आवेदनकर्ताओं की कुछ आवश्यक जांच की जाती है. रजिस्ट्रशन करने के बाद तय किया जाता है की आवेदक को    H-1 बी  वीजा  देना है या नहीं।