Dombivli | डोंबिवलीकर प्राणीमित्र महाड बाढ़ग्रस्त मूक प्राणियों की मदद को आई आगे

डोंबिवली: (Dombivli) कोंकण के चिपलुन, महाड में आए बाढ़ की वजह से सिर्फ इंसान ही नहीं बल्कि मूक प्राणियों का हाल बेहाल हो गया। (Dombivli) इसमें से कई प्राणियों की मौत भी हो गई। महाड (mahad flood)में बाढ़ का पानी कम होने लगा है। ऐसे में बाढ़ग्रस्त किसानों के मवेशियों को सबसे ज्यादा खतरा का निर्माण हुआ है। इसमें से बहुत से जानवरों को गैस्ट्रो की समस्या होने की संभावना है। ऐसा पॉझ यानी कि प्लांट एंड एनिमल्स वेलफेयर सोसायटी (Plant and Animals Welfare Society) के संस्थापक निलेश भणगे ने कहा है। इसके अनुसार उन्होंने अपनी संस्था की टीम को मदद करने लिए तैयार किया है। अभी तक 150 प्राणियों की मदद की है।

महाड, पाली, लोणेरे, माणगाव और अन्य शहर की संस्था इस जगहों पर कार्यरत है। प्राणियों के लिए काम करनेवाली कई संस्था महाड में अभी दवाई की आपूर्ति कर रही है। विशेष रूप से प्राणियों की दवाई, सामान आदि भेजे जा रहे हैं। मुंबई, डोंबिवली, साथ ही कल्याण इलाके के प्राणी मित्रों की ओर से मदद मिल रही है। इसमें 300 किलो डॉग फूड, 50 किलो कैट फूड, घोड़े के खाद्य पदार्थ, प्राथमिक इलाज के लिए लगनेवाले सामान अर्थात डिटॉल, ढाई किलो हल्दी, बेटीडीन, कॉटन, सलाइन और अन्य दवाई जमा कर पिछले सप्ताह से भेजने की शुरुआत की गई है।

सोमवार को बाकी संस्था की ओर से सामान और दवाई की आपूर्ति कराई गई है। साथ ही पॉज संस्था ने दूसरी बार दवाई की आपूर्ति की है। वहीं गुरुवार को एक बार फिर से महाड में दवाई भेजने की जानकारी भणगे ने दी है। डोंबिवली की पॉझ संस्था के कार्यकर्ता महाड में मदद कार्य कर रहे हैं। बीमार प्राणियों को दवाई दे रहे हैं। प्राणियों को समय पर इलाज मिले इसलिए लिए अलग-अलग इलाके में शिविर लगाए गए हैं।

वैक्सीनेशन पर जोर

इस दौरान भटकते हुए प्राणियों की वजह से कोई बीमारी न फैले इसलिए पॉज की और से सेवन इन वन वैक्सीनेशन किया जा रहा है। पहले दिन 150 आवारा कुत्ते को वैक्सीन दिया गया है और जगह-जगह पर रेबीज वैक्सीन दिए जाने की जानकारी संस्था के टीम सदस्य प्रशांत बुन्नावार ने दी है।

2004 के सुनामी से नेपाल के भूकंप, कुर्ग की बाढ़ और अब महाड की बाढ़, जब भी प्राकृतिक या मानव निर्मित आपदा आती है तब-तब पॉज संस्था की ओर से आपदा निवारण किया जाता है, ऐसा संस्था के ट्रस्टी अनुराधा रामास्वामी ने कहा है।