डॉक्टरों ने बातचीत की पेशकश ठुकराकर मांगें मानने के लिए 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया

कोलकाता : समाचार ऑनलाईन – पश्चिम बंगाल में अपने साथियों से हुई मारपीट के विरोध में 11 जून से हड़ताल पर गये जूनियर डॉक्टरों के कड़े रुख के सामने आखिर सीएम ममता बनर्जी नरम पड़ीं तथा हड़तालियों से बातचीत की पहल की, लेकिन डॉक्टर उनसे अपनी मांगें माननने व माफी मांगने की जिद पर अड़े हुए हैं। इसके लिए उन्होंने 48 घंटे का अल्टीमेटम भी दिया है। डॉक्टरों ने कहा कि बात करने के लिए हम सचिवालय नहीं जाएंगे, बल्कि ममता को खुद कॉलेज आना होगा।

बता दें कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शुक्रवार को बातचीत का प्रस्ताव दिया था, जिसे डॉक्टरों ने शनिवार को ठुकरा दिया। गुरुवार को ममता ने कहा था कि डॉक्टर अपनी हड़ताल खत्म कर काम पर लौटें, नहीं तो कड़ी कार्रवाई होगी। इसी बयान को लेकर बंगाल जूनियर डॉक्टर जॉइंट फोरम नाराज है। उन्होंने ममता के सामने 6 शर्तें भी रखीं ह््ैं। वहीं, दिल्ली एम्स के डॉक्टरों ने पश्चिम बंगाल सरकार को मांगें मानने के लिए 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया। उन्होंने अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की धमकी भी दी।

भाजपा का आरोप- ममता आरोपियों को बचा रहीं
बंगाल जूनियर डॉक्टर जॉइंट फोरम के प्रवक्ता अरिंदम दत्ता ने कहा, ङ्गङ्घहम मुख्यमंत्री के न्योते पर सचिवालय में बैठक के लिए नहीं जाएंगे। वे खुद एनआरएस मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल आए्ं। यहां वे अपने उस बयान के लिए मांफी मांगें, जो उन्होंने एसएसकेएम अस्पताल में गुरुवार को दिया था।फफ वहीं, बंगाल भाजपा ने आरोप लगाया है कि डॉक्टरों पर हमला करने वाले आरोपी मुस्लिम समुदाय से हैं और ममता बनर्जी उन्हें बचाने की कोशिश कर रही ह््ैं।
गौरतलब है कि इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने 14 जून से तीन दिनों तक देशव्यापी विरोध प्रदर्शन शुरू करने के साथ 17 जून को देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया था। आईएमए ने अस्पतालों में डॉक्टरों के खिलाफ होने वाली हिंसा की जांच के लिए कानून बनाने की मांग की। संगठन का कहना है कि इसका उल्लंघन करने वालों को कम से कम 7 साल जेल की सजा का प्रावधान होना चाहिए्।