पश्चिम बंगाल में 18 डॉक्टरों ने दिया सामूहिक इस्तीफा, मचा हड़कंप

कोलकाता : समाचार ऑनलाईन – उत्तर-24 परगना के सागरदत्त मेडिकल कॉलेज के 18 डॉक्टरों ने सामूहिक इस्तीफा दे दिया है। इससे पश्चिम बंगाल में जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल और मुख्यमंत्री की धमकी के बाद स्थिति और बिगड़ गयी है। इधर मामला बिगड़ने के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पत्र लिखकर डाक्टरों से सहयोग की अपील की है।
दूसरी ओर, एनआरएस के जूनियर डॉक्टरों का एक प्रतिनिधिमंडल राजभवन पहुंचा है और राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी से हस्तक्षेप करने की मांग की है। डॉक्टरों ने अपने इस्तीफे पत्र में कहा है कि मूलभूत सुविधाओं के अभाव में वे लोग चिकित्सा कार्य नहीं चला पा रहे हैं। इससे कामकाज में काफी असुविधा हो रही है। दूसरी ओर, कोलकाता के एसएसकेएम हॉस्पिटल, एनआरएस हॉस्पिटल, नेशनल मेडिकल कॉलेज, कलकत्ता मेडिकल कॉलेज और आरजी कर मेडिकल कॉलेज व हॉस्पिटल में अचलावस्था बना हुआ है।

जूनियर डॉक्टर सुरक्षा की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। एनआरएस के जूनियर डॉक्टरों की मांग है कि मुख्यमंत्री एनआरएस कॉलेज व हॉस्पिटल आयें और उन लोगों की मांगों को पूरा करें। दूसरी ओर, एसएसकेएम में जूनियर डॉक्टरों के साथ सीनियर डॉक्टर व नर्स भी प्रदर्शन में शामिल हो गये हैं। अन्य और, जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल के कारण हॉस्पिटलों की व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गयी है। चिकित्सा के अभाव में मरीज और मरीज के परिजन परेशान हैं और हॉस्पिटल दर हॉस्पिटल भटक रहे हैं।

जानकारी हो कि पिछले तीन दिनों से पश्चिम बंगाल के विभिन्न हिस्सों में चिकित्सकीय सेवाएं बाधित होने के मद्देनजर ममता बनर्जी गुरुवार को सरकारी एसएसकेएम हॉस्पिटल पहुंचीं। उन्होंने पुलिस को परिसरों को खाली कराने का निर्देश दिया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि मरीजों के अलावा किसी अन्य को परिसर में जाने की अनुमति नहीं दी जाए। मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि यह आंदोलन विपक्षी दलों के षड्यंत्र का हिस्सा है। बता दें कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के पास स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय का भी प्रभार है। उन्होंने कहा कनिष्ठ चिकित्सकों का आंदोलन माकपा और भाजपा का षड्यंत्र है। ममता ने दावा किया कि बाहर के लोग चिकित्सकीय कॉलेजों और हॉस्पिटलों में व्यवधान डालने के लिए आए हैं।

कोलकाता के एनआरएस हॉस्पिटल में एक चिकित्सक पर हमला और उसे गंभीर रूप से घायल किए जाने की घटना के बाद से चिकित्सक गत दिन से आंदोलन कर रहे हैं। उन्होंने ममता के सामने ही हमें न्याय चाहिए के नारे भी लगाए। प्रदर्शन के मद्देनजर पिछले दो दिनों में राज्य में कई सरकारी चिकित्सकीय कॉलेजों एवं हॉस्पिटलों और कई निजी चिकित्सकीय सुविधाओं में आपातकालीन वार्ड, बाह्य सुविधाएं और कई रोगविज्ञान इकाइयां बंद हैं।

समर्थन में उतरे एम्स के डॉक्टर जानकारी हो कि एम्स के डॉक्टर भी इनके समर्थन में उतर गये हैं। पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों के साथ हुई मारपीट की घटना के बाद दिल्ली के ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (एम्स) में सीनियर डॉक्टरों ने हेल्मेट और पट्टी लगाकर काम किया। बंगाल के डॉक्टरों के साथ हुई घटना के विरोध में एम्स के डॉक्टरों ने यह एक तरह का सांकेतिक विरोध जताया है। बता दें कि उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज व हॉस्पिटल में बुधवार से ही ओपीडी सेवा बंद है। डॉक्टर यहां इमरजेंसी सेवा ठप कर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।