मुंबई, 5 जून : एमबीबीएस 29 वर्षीय डॉ. निताशा बंगाली दवारा बेहोशी के इंजेक्शन का ओवरडोज लेकर अपना जीवन समाप्त कर लेने की घटना गुरुवार को वर्ली में घटी। पोस्ट ग्रेजुएशन की पढाई पूरी होगी की नहीं ? प्राथमिक जांच में पता चला है कि इसी तनाव में उसने यह कदम उठाया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
वर्ली के समुन्द्र दर्शन बिल्डिंग में निताशा अपने माता-पिता और भाई के साथ रहती थी। उनकी मां, भाई और मौसी डॉक्टर है जबकि पिता सॉफ्टवेयर इंजीनियर है। निताशा केईएम में पोस्ट ग्रेजुएशन के थर्ड ईयर में थी। गुरुवार की दोपहर साढ़े तीन बजे वह हॉस्पिटल से वापस घर आई। उसने बेहोशी के इंजेक्शन का ओवरडोज लिया। शाम को उसकी मां जब घर पर आई तब निताशा बेसुध थी। उसे तत्काल नायर हॉस्पिटल ले जाया गया लेकिन डॉक्टर्स ने जांच कर बताया कि उसकी मौत हो चुकी है।
पिछले कुछ महीनों से थर्ड ईयर में पास होगी या नहीं ? पास नहीं होने पर दोस्त, सहेली, परिवार का कैसे सामना करेगी ? इस तरह के सवालों को लेकर वह मानसिक रूप से परेशान थी। उसने मां को बताया था कि इन विचारों को लेकर उसके मन में आत्महत्या का ख्याल आ रहा है। उस वक़्त मां ने उसे समझाया था। इस आत्महत्या मामले में वर्ली पुलिस स्टेशन में केस दर्ज किया गया है। सीनियर पुलिस इंस्पेक्टर अनिल कोली मामले की जांच कर रहे है।