क्या आप जानते है कि हर साल 21 जून को ही इंटरनेशनल योग डे क्यों मनाया जाता है ? आइये जानते है 

नई दिल्ली : समाचार ऑनलाईन – आज देश और दुनिया में योग दिवस मनाया जा रहा है।  योग करना हर दिन की जरुरत बनता जा रहा है । लेकिन क्या आपको मालूम है कि 21 जून को ही योग दिवस क्यों मनाया जाता है और इसके पीछे की पूरी कहानी क्या है? तो आइये जानते है इंटरनेशनल योगा डे मनाने के पीछे का सच ।
योग और हमारा रिश्ता
योग भारत की सबसे पुरानी और प्राचीनतम खोजों में से एक है । योग की परंपरा करीब 5000 वर्ष पुरानी मानी जाती है । योग को हृदय और आत्मा के बीच सामंजस्य और संतुलन के साथ दिव्य ज्ञान के एक तरीके के रूप में विकसित किया गया था ।
मॉडर्न समय में योग से डयबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर की बीमारियों का असर कम हुआ है । अब योग ने पश्चिमी दुनिया में भी अपना रास्ता तलाश लिया है।
अंतर्राष्टीय योग दिवस : संक्षिप्त इतिहास
11 दिसंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाये जाने की घोषणा की ।  इसके बाद 2015 से ये दिवस मनाया जाने लगा । पीएम मोदी ने सितम्बर 2014 को संयुक्त राष्ट्र को योग पर संबोधित और इसका महत्व बताया था ।
INTERNATIONAL YOGA DAY
2015 : सद्भाव और शांति के लिए योग Yoga for Harmony and Peace
2016 : युवाओ को कनेक्ट करें Connect the youth
2017 : स्वास्थ्य के लिए योग Yoga for Health
2018 : शांति के लिए योग Yoga for Peace
2019 : योगा फॉर हार्ट Yoga for Heart 
INTERNATIONAL YOGA DAY
21 जून को यह दिवस मनाने की वजह पीएम नरेंद्र मोदी ने 2014 में संयुक्त राष्ट्र को संबोधित करते हुए बताया था । उन्होंने कहा था कि यह वही तिथि है जब उत्तरी गोलार्ध में साल का सबसे लंबा दिन है ।
21 जून ग्रीष्मकालीन संक्रांति का दिन होता है, इस दिन उत्तरी गोलार्ध में किसी ग्रह के अक्ष का झुकाव उस तारे की ओर सबसे अधिक झुका होता है, जिसकी वह परिक्रमा करता है । हमारे मामले में यह पृथ्वी और सूर्य पर  लागू होता है ।
21 जून को वर्ष का सबसे लंबा दिन माना जाता है । जिसमे सूर्य सबसे जल्द उगता है और सबसे देरी से डूबता है ।
एक पौराणिक कथा के अनुसार सात लोग आदि योगी के पास आत्मज्ञान के लिए गए, लेकिन वे अपने शरीर में मौजूद नहीं थे, इसलिए वे चले गए । फिर ये लोग शिव के पास गए और आदि योगी से सीखने की जिद पर अड़े रहे लेकिन शिव ने यह कहकर मना कर दिया कि इसके लिए लंबी तैयारी चाहिए।
वहां से निकल कर इन सातों लोगों ने फिर 84 साल की साधना की । इस दौरान शिव का उन पर ध्यान गया । यह ग्रीष्मकालीन संक्रांति का दिन था।  उसके 28 दिनों के बाद अगली पूर्णिमा पर आदि योगी ने खुद को आदि गुरु में बदल दिया और अपने शिष्यों को योग विज्ञानं सिखाना शुरू किया।