आपसी सहमति के आधार पर महज 8 दिनों में तलाक

पुणे। सँवाददाता-पुणे के एक फैमिली कोर्ट ने आपसी सहमति के आधार पर एक दंप‍ती को तलाक की अर्जी दाखिल करने के महज 8 दिन के भीतर ही तलाक दे दिया। तलाक की अर्जी दाखिल करने के पहले दोनों पति-पत्‍नी पिछले डेढ़ साल से एक-दूसरे से अलग रह रहे थे। फैमिली कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के साल 2017 के उस फैसले को अपना आधार बताया जिसमें कहा गया था कि आपसी सहमति पर तलाक के मामले में आवश्‍यक बताए गए छह महीने के कूलिंग ऑफ पीरियड या उपशमन काल में छूट दी जा सकती है।’
इस केस में महिला की ओर से पैरवी करने वाले वकील विक्रांत शिंदे ने बताया, अभी तक ऐसा कोई मामला सामने नहीं आया है जिसमें आपसी सहमति पर इतने कम समय में तलाक मिला हो। कुछ महीनों पहले, हमारे पास ऐसा केस आया था जिसमें 13 दिन के भीतर तलाक मिल गया था। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश हैं कि आपसी सहमति के आधार पर तलाक के मामले में पहली तारीख आठ दिनों से कम समय में नहीं दी जा सकती। इन नियमों के अनुसार, इस केस में जितने कम समय में तलाक मिल गया उससे कम समय में नहीं मिल सकता।
वकील ने आगे बताया, वर्ष 2015 में शादी के समय ये दोनों पति- पत्नी पुणे की एक अग्रणी आईटी फर्म में काम करते थे। बाद में दोनों बेंगलुरु शिफ्ट हो गए। इनके कोई संतान नहीं है। दोनों के बीच कई मुद्दों पर मतभेद थे और वे अकसर इन बातों पर आपस में झगड़ते रहते थे। दोनों 30 जून 2018 में अलग-अलग रहने लगे। पत्नी वापस पुणे आई और एक आईटी कंपनी में जॉब करने लगी, जबकि पति बेंगलुरु में काम करता रहा। 6 जनवरी को उन्‍होंने तलाक की अर्जी दे दी जिस पर मंगलवार को फैमिली कोर्ट के जज एसआर काफ्रे ने सुनवाई की। इस दौरान दोनों ने काउंसलिंग प्रक्रिया में भी हिस्‍सा लिया।