तलाक का आधार बन सकते हैं जबरन शारीरिक औऱ अनैतिक संबंध

चंडीगढ़। समाचार एजेंसी

महिलाओं को राहत देनेवाला एक अहम फैसला पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने सुनाया है। इसमें कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि, ‘जबरन शारिरिक संबंध’ और ‘अनैतिक यौन संबंध’ तलाक का आधार हो सकते हैं। निचली अदालत के इस मामले पर सुनवाई से इनकार करने के चार साल बाद हाई कोर्ट ने बठिंडा की महिला की तलाक की याचिका पर सुनवाई की। इसके फैसले में हाईकोर्ट ने जबरन शारीरिक और अनैतिक सम्बंध तलाक का आधार हो सकते हैं।

कम्प्यूटर साइंस में पोस्टग्रैजुएट डिप्लोमा होल्डर युवती की शादी बिहार के निवासी से जनवरी 2017 में हुई थी। उनका एक बच्चा भी है। युवती की याचिका के मुताबिक, उसके परिवार की तरफ से दहेज भी दिया गया था। युवती के परिवार को बताया गया था कि लड़का इंजीनियर है, जो बाद में झूठ साबित हुआ। याचिका में कहा गया है कि, युवक अपनी शारीरिक इच्छाओं को पूरा करने के लिए युवती को पीटता था और अप्राकृतिक संबंध भी बनाता है।

इस याचिका की सुनवाई में निचली अदालत ने कहा था कि, यह उन्हें स्थापित करना था कि उनके पति ने उनके साथ अप्राकृतिक यौन संबंध स्थापित किया, उनके द्वारा इस संबंध में कोई चिकित्सीय साक्ष्य का उल्लेख नहीं किया है। हाईकोर्ट के जस्टिस एमएमएस बेदी और हरिपाल वर्मा ने अपने आदेश में कहा, ‘ऐसा भी होता है, हम पाते हैं कि अपीलकर्ता का दावा गलत तरीके से खारिज कर दिया जाता है।’ फैसले में यह भी कहा गया है कि जबरन यौन संबंध या अप्राकृतिक यौन संबंध के लिए पति/पत्नी को मजबूर किया जाता है, जिस कारण असहनीय दर्द होता है। निश्चित रूप से यह संबंध खत्म करने या तलाक लेने का आधार हो सकता है।अपने फैसले में कोर्ट ने यह भी कहा कि, युवती द्वारा लगाए गए आरोप काफी गंभीर हैं।