मुंबई : पुणे समाचार ऑनलाइन (Punesamachar Online) – विधानमंडल के मानसून अधिवेशन में शिवसेना (Shiv Sena) विधायक भास्कर जाधव ने तालिका अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी संभाली थी। इस अधिवेशन में भाजपा के 12 विधायकों को निलंबित किये जाने को लेकर हर तरफ भास्कर जाधव के नाम की चर्चा है। ऐसे में एक बार फिर से विधानसभा अध्यक्ष पद को लेकर चर्चा शुरू हो गई है। विधानसभा अध्यक्ष पद शिवसेना से वापस लेने की मांग शिवसेना में हो रही है।
इस संबंध शिवसेना विधायक भास्कर जाधव ने कहा कि दो दिन पहले अधिवेशन सम्पन्न हुआ है। विधानसभा का अधिवेशन चर्चा में रहा या नहीं यह अब पता चलेगा। विधानसभा अध्यक्ष के रूप में पद पर बैठने का यह मेरा पहला अनुभव था। विधानसभा अध्यक्ष पद को लेकर चर्चा हो रही है। राजनीतिक गलियारे में कहा जा रहा है कि भास्कर जाधव को विधानसभा अध्यक्ष बनाया जाता है तो वह सभागृह को सही तरीके से संभाल सकते है। संजय राठौड़ के इस्तीफे के बाद शिवसेना के पास वन विभाग का पद खाली है। यह पद कांग्रेस को देने और उसके बदले विधानसभा अध्यक्ष पद लेने की चर्चा शुरू हो गई है।
लेकिन विधानसभा अध्यक्ष पद कांग्रेस के पास है. अभी तक मंत्रिमंडल में 3 निर्दलीयों को शिवसेना कोटे से मंत्रिपद दिया गया है। मंत्रिमंडल का विस्तार होने के बाद कांग्रेस मंत्री विजय वडेट्टीवार के नाराज होने की खबरें न्यूज़ पेपर्स में देखने को मिली। तब शिवसेना ने मदद पुर्नवसन मंत्रालय वडेट्टीवार को दिया है। सरकार में मुख्यमंत्री शिवसेना के है। लेकिन विभागों की तुलना की जाए तो लोकहित के विभाग नगरविकास को छोड़कर शिवसेना के पास जनता से सीधे संवाद करने का कोई विभाग नहीं है। भाजपा को दूर रखने के लिए तीनों दल एक साथ आये थे। इस लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए शिवसेना अपना वन विभाग अपने पास रखे और उन्हें लगता है तो भास्कर जाधव को अध्यक्ष पद दे। इस उम्मीद को मैं सही मानता हूं। यह बयान भास्कर जाधव ने दिया है।
भाजपा ने मेरे काम की प्रशंसा की
उन्होंने कहा कि हर अधिवेशन से पहले महाराष्ट्र विधानमंडल की नियमावली सदस्यों को पढ़ना, नए सदस्यों को सभागृह में बैठने का नियम सिखाना चाहिए। भाजपा ने मेरी प्रशंसा की है। कुछ बुरे अनुभव होते है, मुझे भी निलंबित किया गया था। मैंने नाराजगी जाहिर नहीं की थी. वे क्यों नाराज हो गए पता नहीं। भाजपा के कई लोगों ने मेरी जमकर प्रशंसा की है। अधिवेशन के आखिर में विधानमंडल की सीढ़ियों से उतरते वक़्त भाजपा प्रदेशाध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल और मेरे बीच अच्छी बातचीत हुई। हमने एक दूसरे से हाल चाल जाना।
विधानसभा अध्यक्ष पद मिलने पर…..
शिवसेना के पास रहा मंत्रिपद पार्टी के पास रहेगा और तीनों पार्टियों ने मुझे अध्यक्ष बनने का मौका दिया इसलिए मैं विधानसभा अध्यक्ष पद का काम कर सका। किसी भी तरह का अवमान नहीं होगा। विधानसभा अध्यक्ष पद देने के पास शिवसेना को मंत्री पद नहीं दिया जाए। पार्टी मुझे जो भूमिका देगी उसे मैं निभाउंगा. विधानसभा अध्यक्ष पद पर बैठने के बाद सरकार और पार्टी का पक्ष नहीं लूंगा। सभागृह में बैलेंस बनाने का प्रयास करूंगा।
विधानसभा अध्यक्ष पद पर कांग्रेस का दावा कायम
भास्कर जाधव ने तालिका अध्यक्ष के रूप में अच्छा काम किया है लेकिन उसके बावजूद कांग्रेस में कई भास्कर जाधव है। यह कहते हुए विधानसभा अध्यक्ष पद पर दावा कायम होने का बयान कांग्रेस मंत्री बालासाहेब थोरात ने दिया है।
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