मुंबई, 27 नवंबर : बिजली बिल में छूट देने की घोषणा राज्य सरकार ने की थी, लेकिन बाद में अपने बयान से मुकरते हुए आम लोगो को बिजली बिल भरने के लिए सख्ती की है। इसलिए इस मुद्दे की वजह से राजनीति गर्मा गई है। इस पर ऊर्जा मंत्री नितिन राऊत सफाई दी है।
नितिन राऊत ने कहा कि बिजली बिल में छूट देने की घोषणा करने में थोड़ी जल्दबाजी की गई। इसकी घोषणा करने से पहले मुझे पार्टी और सरकार से चर्चा करनी चाहिए थी। लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। यह हमारी गलती है। यह बड़ा बयान मंत्री अशोक चव्हाण ने दिया था। लेकिन नितिन राऊत का कहना है कि बिजली बिल माफ़ी की घोषणा मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से चर्चा करने के बाद ही की गई थी।
नितिन राऊत ने कहा है कि बिजली बिल माफ़ी किसी एक विभाग का मामला नहीं है. सरकार का काम है। मुख्यमंत्री की बैठक में एमआईसीआर का प्रस्ताव दिया गया था। इसके बाद मुख्यमंत्री के कहने पर बिजली बिल माफ़ी की घोषणा की गई थी। बिजली बिल माफी मेरी व्यक्तिगत राय नहीं थी बल्कि सरकार का निर्णय था। उन्होंने बताय की आज भी बिजली बिल माफ़ी पर विचार विमर्श चल रहा है।
नितिन राऊत का आरोप केंद्र ने पैसे नहीं दिए
नितिन राऊत का कहना है कि राज्य की तिजोरी खाली है। राज्य की साड़ी तिजोरी कोरोना की वजह से खाली हो गई है। बिजली बिल माफ़ी से राज्य को कोई दिक्कत नहीं होगी। सवाल राज्य को अर्थव्यवस्था का है।