Dhananjay Munde | जब मैं उनके पास था तब किसी को नहीं जानता था, पंकजा मुंडे को लेकर धनंजय मुंडे का सां‍केतिक बयान

मुंबई (Mumbai News) : मैं पहले उनके पास था, उस वक्‍त मैं किसी को नहीं जानता था. यह कहते हुए उन्‍होंने (Dhananjay Munde) कहा कि मेरे और पंकजा बहन के बीच जितनी अंडरस्‍टैंडिग है या थी, मुझे नहीं लगता उतना किसी के साथ रही है. मुझे ऐसा नहीं लगता है कि पंकजा बहन के साथ मेरा संबंध सुधरेगा. इस तरह के शब्‍दों में राष्‍ट्रवादी कांग्रेस (Nationalist Congress) के नेता और राज्य के सामाजिक न्‍याय मंत्री धनंजय मुंडे (Dhananjay Munde) ने अपनी भावना व्‍यक्‍त की है. सीनियर पत्रकार अतुल कुलकर्णी (Atul Kulkarni) को दिए इंटरव्‍यू में उन्‍होंने यह बात कही है. इस दौरान उन्‍होंने राजनीति पर खुलकर बात की.

 

उन्‍होंने कहा कि भाजपा (BJP) को छोड़कर राष्‍ट्रवादी कांग्रेस में प्रवेश करने के बाद मैं जब राजनीति दृष्टि से अलग हुआ, उसके बाद जो कुछ घटित हुआ उसे बताया नहीं जा सकता है. लेकिन 2009 से पहले पंकजा और मेरे बीच भाई-बहन का काफी गहरा रिश्‍ता था. रक्षा बंधन पर सबसे पहले पंकजा (Pankaja Munde) और प्रीतम मुंडे (Pritam Munde) से राखी बंधवाता था. उसके बाद सगी बहन से राखी बंधवाता था. भाई दूजा पर भी यही होता था. पहले उम्र नहीं होने की वजह से यह सब चलता आ रहा था.

 

पंकजा और मेरी काफी जमती थी

 

बहनों और भाईयों में पंकजा और मेरी काफी जमती थी. मुझे नहीं लगता है कि इतना किसी और के साथ जमता था या जमता है. सारी बातें हम एक-दूसरे को खुलकर बताते थे. खुलकर शेयर करते थे. 2009 तक हमारे काफी अच्छे संबंध थे. लेकिन इसके बाद कुछ भी अच्‍छा नहीं रहा. मैंने ही कई बार प्रयास किया. मेरी पिता की मौत और गोपीनाथ मुंडे (Gopinath Munde) की मौत के बाद फिर से एकसाथ आने का प्रयास किया. घर एक साथ रखने के लिए काफी प्रयास किया. लेकिन इसमें मुझे सफलता नहीं मिली. भले ही आप अलग राजनीतिक करते हो लेकिन घर एक रखकर उसके जरिये कुछ किया जा सकता है क्‍या ? इसका प्रयास किया.

 

कोई माने या न माने मैं घर में बड़ा हूं

 

हमारे परिवार में मेरे पिता सभी में बड़े थे. उसके बाद मैं हूं. कोई माने या न माने फिर भी घर में मैं सबसे बड़ा हूं. इसलिए स्‍वाभाविक रूप से घर एक होना चाहिए इसके लिए प्रयासरत रहता हूं. मैं समझता हूं कि घर राजनीति (Politics) से अलग होता है. इसलिए मुझे हमेशा लगता है कि घर के सभी सदस्‍य एक साथ आए, एक साथ रहे. भले ही घर में दो पार्टी की विचारधारा हो, एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव (Elelction) लड़ना हो तो भी लड़ सकते हैं. लेकिन घर के  सुख और दुख में, सारी बातों में जो संवाद होना चाहिए वह नहीं है.

 

 

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