उपमहापौर सिद्धार्थ धेंडे द्वारा मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर पुणे शहर को 1350 एमएलडी पानी देने की मांग

पुणे : समाचार ऑनलाइन – पुणे के नागरिकों को पीने के पानी की सप्लाई खड़कवासला डैम से की जाती है। पानी वितरण समझौता वर्ष 1997 में जल संसाधन विभाग से हुआ है। पुणे शहर की जनसंख्या देखें तो इस समझौते के मुताबिक जल संसाधन विभाग को खड़कवासला डैम से पुणे शहर को 5 टीएमसी + 6.5 टीएमसी तक पानी देने की स्पष्ट चर्चा है।
लेकिन इसमें 6.5 टीएमसी पानी प्रक्रिया कर सिंचाई के लिए पुणे मनपा के खर्च पर मुठा नहर में उपलब्ध कराना पुणे मनपा के लिए अनिवार्य है। इस समझौते के मुताबिक कुल मिलने वाले 11.5 टीएमसी में से  10 प्रतिशत पानी लीकेज और कमर्शियल इस्तेमाल में बर्बाद हो जाता है। इसलिए 11.5 टीएमसी + 10 प्रतिशत कुल 12.65 टीएमसी पानी जल सिंचाई विभाग द्वारा देना अनिवार्य है।
इस वर्ष सभी डैम का जल स्तर नीचे चले जाने की वजह से जल सिंचाई विभाग ने पुणे शहर को समझौते के मुताबिक पानी देने और इससे अधिक पानी नहीं देने पर अड़ी है। वास्तवितकता में देखे तो 1997 में यह समझौता हुआ। इसके बाद पुणे शहर की बढ़ी जनसंख्या व पुणे महानगरपालिका के वॉटर सप्लाई डिपार्टमेंट में शामिल हुए 11 गांवों, पुणे शहर का पांच किलोमीटर तक परिसर, ग्राम पंचायत में होने वाली वाटर सप्लाई व पुणे और खड़की कैंन्टोन्मेंट को होने वाली वाटर सप्लाई व पुणे शहर की सभी राज्य केंद्र सरकार की कॉलोनियों, शैक्षणिक कॉम्पलेक्स, हॉस्पिटल व आईटी पार्क को मनपा द्वारा वाटर सप्लाई की जाती है। इसलिए पुणे मनपा को समझौते से अधिक पानी लेना पड़ता है।
प्रक्रिया किया गया पानी मुंढ़वा मलनिस्सारण प्रक्रिया केंद्र से मुठा नहर में 6.5 टीएमसी पानी छोड़ा जाता है। लेकिन जल संसाधन विभाग द्वारा छोड़ा गया यह पानी कृषि के लिए इस्तेमाल होने के संदर्भ में कोई व्यवस्था नहीं की जाती है। इसलिए समझौते के मुताबिक पुणे मनपा आज कम मात्रा में पानी का इस्तेमाल कर रही है।
इन सभी बातों पर विचार करते हुए पुणे मनपा की भौगोलिक स्थिति व वितरण व्यवस्था को देखने के बाद पुणे शहर को 1350 एमएलडी पानी की उम्मीद है ताकि पुणे मनपा क्षेत्र के सभी लोगों तक समय पर पानी मिल सके। इन सभी बातों को देखते हुए मंत्री  और जल संसाधन विभाग के अधिकारी को हर रोज 1350 एमएलडी पानी देने का आदेश दिया जाए। 12.65 टीएमसी पानी देना अनिवार्य है और बढ़ी जनसंख्या जनसंख्या को देखते हुए 0.85 टीएमसी पानी बढ़ाया जाए।