दोपहर में दिल्ली पुलिस करेगी प्रेस कॉन्फ्रेंस, मिलेंगे अनेक सवालों के जवाब 

cऑनलाइन टीम : दिल्ली में उत्पन्न हालात और अघोषित स्थिति को देखते हुए पुलिस कदम-कदम पर सतर्क है।  लाखों की भीड़ और इतनी बड़ी तादाद में ट्रैक्टरों का आना, वह भी 26 जनवरी को परेड के दिन और परेड के वक्त, पुलिस के लिए यह एकदम नई और अभूतपूर्व चुनौती थी। इसके बावजूद पुलिस ने बेहद संयम बरता और हालात और ज्यादा बिगड़ने से रोका।
हालांकि सवाल यह भी है कि पुलिस ने सिर्फ आंदोलनकारी किसान नेताओं के वादों पर ही कैसे भरोसा कर लिया? इसलिए दिल्ली में हुए उपद्रव को लेकर आरोपियों की पहचान करने में दिल्ली पुलिस तेजी से जुटी है।

दिल्ली पुलिस को मिली उपद्रवियों की तमाम वीडियो रिकॉर्डिंग, मोबाइल फुटेज का एनालिसिस किया जा रहा है। आरोपियों की पहचान के लिए क्राइम ब्रांच और स्पेशल सेल की मदद ली जा रही है। लालकिले, सेंट्रल दिल्ली, मुकरबा चौक और नांगलोई जहां-जहां उपद्रव हुआ, वहां लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज भी इक्कठा की जा रही है। उन किसान नेताओं की पहचान भी की जा रही है जिन्होंने आंदोलनकारियों को निर्धारित रूट से अलग सेंट्रल दिल्ली में जाने के लिए भड़काया।

फिलहाल ट्रैक्टर परेड में हिंसा के बाद दिल्ली बनी छावनी में तब्दील हो गई है। संवेदनशील इलाकों में पुलिस के साथ सीआरपीएफ की 15 कंपनियां तैनात हैं। कल उपद्रव में 300 से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हो गए और ट्रैक्टर पलटने से एक प्रदर्शनकारी की मौत हो गई। हिंसा के खिलाफ अब तक 22 FIR दर्ज की जा चुकी है। अभी दिल्ली के पुलिस आयुक्त वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे हैं। इस मामले पर दोपहर बाद दिल्ली पुलिस प्रेस कॉन्फ्रेंस भी कर सकती है।

इस बीच, दिल्ली में कल हुए उपद्रव की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। विनीत जिंदल नाम के वकील ने भी चीफ जस्टिस को पत्र याचिका भेजी है। लाल किला में तिरंगे की जगह दूसरा ध्वज लगाने, सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पर कोर्ट से स्वतः संज्ञान लेने की प्रार्थना की है।