ड्रोन से वैक्सीन पहुंचाने का फैसला,  नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने दी मंजूरी

ऑनलाइन टीम. हैदराबाद : कोरोना को मात देने के लिए वैक्सीन को ही अचूक बताया जा रहा है, मगर इसमें दो बड़ी समस्याएं सामने आ रही है-इसकी लगातार कमी और समय पर नहीं पहुंचने की शिकायतें। खासकर दूर-दराज के इलाकों में परिवहन को लेकर काफी परेशानी उठानी पड़ रही है। सरकार हम परेशानी का हल खोजने में लगी है। इसी के तहत कोरोना वैक्सीन की डिलिवरी में तेजी लाने के लिए तेलंगाना  में ड्रोन का इस्तेमाल किया जाने का निर्णय लिया गया है।

नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने  अपने बयान में कहा है कि प्रायोगिक रूप से ड्रोन के जरिए टीके  को पहुंचाया जाएगा। इसके लिए तेलंगाना सरकार को मानवरहित विमान प्रणाली (यूएएस) नियम-2021 में सशर्त छूट दी गई है। इस छूट के तहत दृश्यता सीमा के अंदर ही प्रायोगिक रूप से ड्रोन का इस्तेमाल टीका पहुंचाने के लिए किया जाएगा। साथ ही कहा है, ‘राज्य सरकार को यह छूट अगले एक साल या अगले आदेश तक के लिए ही दी गई है।’ बता दें कि मंत्रालय ने भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद को कोरोना वैक्सीन को ड्रोन से पहुंचाने को लेकर रिसर्च करने की अनुमति दी थी।

बता दें कि इसके पहले आईआईटी के एयरोस्पेस इंजीनियरिंग विभाग के वैज्ञानिकों ने बताया था कि उन्होंने एक ऐसा ड्रोन तैयार किया है जो पांच किलो भार तक की दवाएं, मेडिकल किट पहाड़ी व दुर्गम इलाकों में आसानी से ले जा सकता है। एक परीक्षण के दौरान इस ड्रोन ने उत्तराखंड की दुर्गम पहाड़ियों में सुरक्षित ढंग से ब्लड पहुंचाया था। अमूमन वहां तक सामान पहुंचाने में डेढ़ से दो घंटे लगते थे पर ड्रोन 15 मिनट में पहुंच गया था।

ड्रोन से वैक्सीन पहुंचाने के मामले पर तेलगाना सरकार ने कहा है, ‘मेडिसिन फ्रॉम स्काई कार्यक्रम को दृश्यता सीमा के अंदर एक साल के लिए रिसर्च की अनुमति मिल गई है। नागरिक उड्डयन मंत्रालय और नागरिक उड्डयन महानिदेशालय के मदद और मागदर्शन से ड्रोन परीक्षण के लिए जरूरी मंजूरी और छूट मिल गई है।’