तरुण तेजपाल पर फैसला 21 मई को,  8 साल से चल रहा है रेप का मुकदमा

ऑनलाइन टीम. पणजी : गोवा में एक सत्र अदालत ने बुधवार को कहा कि वह तरुण तेजपाल मामले में 21 मई को अपना फैसला सुनाएगी। अदालत ने पूर्व में कहा था कि कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के चलते स्टाफ की कमी के कारण स्थगन किया गया था। गोवा पुलिस ने नवंबर 2013 में तेजपाल के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था।

पत्रिका ‘तहलका’ के पूर्व प्रधान संपादक 2013 में गोवा के एक लक्जरी होटल की लिफ्ट के भीतर महिला साथी का यौन उत्पीड़न करने के आरोपी हैं। नवंबर 2013 में उनकी एक महिला सहकर्मी ने उन पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। आरोपों के मुताबिक गोवा में हुए तहलका के ‘थिंक फेस्ट’ इवेंट के दौरान तेजपाल ने पणजी के एक फाइव स्टार होटल की लिफ्ट में दो बार महिला का यौन उत्पीड़न किया था। इस मामले में केस दर्ज होने के बाद 30 नवंबर को उनकी गिरफ्तारी हुई थी। हालांकि जून 2014 में जमानत मिलने के बाद से ही वे बाहर चल रहे हैं। इसी क्रम में बता दें कि तेजपाल की दो बेटियां हैं, एक का नाम टिया और दूसरी का कारा है। साल 1985 में उनकी शादी हुई थी और उनकी पत्नी का नाम गीता बत्रा है। दोनों कॉलेज में साथ थे।

7 नवंबर, 2013, शनिवार को गोवा के एक फाइव स्टार होटल में तहलका का थिंक फेस्ट चल रहा था। तहलका के एडिटर इन चीफ और जाने-माने पत्रकार तरुण तेजपाल समेत  दुनिया के कई मशहूर चेहरे इस फेस्ट का हिस्सा थे। और इन्हीं नामचीन चेहरों के बीच एक चेहरा उस गुमनाम लड़की का भी था, जो आई तो थी इस फेस्ट में अपनी ड्यूटी निभाने, लेकिन वो खुद अपने ही बॉस तरुण तेजपाल के नापाक इरादों का शिकार बन गई। लड़की की मानें तो तेजपाल ने उसके साथ एक नहीं, बल्कि दो-दो बार ज्यादती की और मुंह खोलने पर बुरे अंजाम की धमकी भी दी।

तहलका की मैनेजिंग एडिटर शोमा चौधरी से की गई शिकायत के बाद जब इस लड़की ने गोवा पुलिस को अपने साथ बीती पूरी कहानी बताई, तो सुनने वाले बस सुनते ही रह गए, क्योंकि ये तेजपाल का वो चेहरा था, जो अब तक किसी ने देखा नहीं था। मामला यहीं से सुर्खियों में आया और अब अंजाम का इंतजार है। तरुण तेजपाल मई 2014 से जमानत पर बाहर हैं। उन पर भारतीय दंड संहिता (भादंसं) की धारा 342 (गलत तरीके से रोकना), 342 (गलत मंशा से कैद करना), 354 (गरिमा भंग करने की मंशा से हमला या आपराधिक बल का प्रयोग करना), 354-ए (यौन उत्पीड़न), 376 (2) (महिला पर अधिकार की स्थिति रखने वाले व्यक्ति द्वारा बलात्कार) और 376 (2) (के) (नियंत्रण कर सकने की स्थिति वाले व्यक्ति द्वारा बलात्कार) के तहत मुकदमा चला।