8 साल बाद फैसला…गोवा की अदालत ने तरुण तेजपाल को रेप केस में किया बरी

ऑनलाइन टीम. गोवा : तहलका मैगजीन के पूर्व मुख्य संपादक तरुण तेजपाल को अदालत ने दुष्कर्म के आरोपों से बरी कर दिया है। यह फैसला 8 साल बाद आया है। तेजपाल पर आरोप था कि उन्होंने 2013 में गोवा के एक लक्जरी होटल की लिफ्ट में महिला साथी का यौन उत्पीड़न किया था।

आरोपों के मुताबिक, गोवा में तहलका के ‘थिंक फेस्ट’ इवेंट का आयोजन किया गया था। फाइव स्टार होटल की लिफ्ट में महिला का यौन उत्पीड़न किया था। कथिततौर पर मुंह खोलने पर बुरे अंजाम की धमकी भी दी। तहलका की मैनेजिंग एडिटर शोमा चौधरी से की गई शिकायत के बाद जब इस लड़की ने गोवा पुलिस को अपने साथ बीती पूरी कहानी बताई, इसके बाद मामला जांच के अधीन आ गया। उन पर भारतीय दंड संहिता (भादंसं) की धारा 342 (गलत तरीके से रोकना), 342 (गलत मंशा से कैद करना), 354 (गरिमा भंग करने की मंशा से हमला या आपराधिक बल का प्रयोग करना), 354-ए (यौन उत्पीड़न), 376 (2) (महिला पर अधिकार की स्थिति रखने वाले व्यक्ति द्वारा बलात्कार) और 376 (2) (के) (नियंत्रण कर सकने की स्थिति वाले व्यक्ति द्वारा बलात्कार) के तहत मुकदमा चला।

तेजपाल ने इससे पहले बंबई उच्च न्यायालय का रुख कर अपने ऊपर आरोप तय किए जाने पर रोक लगाने का अनुरोध किया था, लेकिन उनकी याचिका खारिज कर दी गई थी।  अतिरिक्त जिला एवं सत्र अदालत की न्यायाधीश क्षमा जोशी ने आठ मार्च को तेजपाल मामले में अंतिम दलीलें सुनी। 27 अप्रैल को वे फैसला सुनाने वाली थी, लेकिन  फैसला 12 मई तक स्थगित कर दिया था। 12 मई को फैसला एक बार फिर 19 मई के लिए टाल दिया गया था। कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के चलते स्टाफ की कमी के कारण यह स्थगन किया गया था और अब आज शुक्रवार को यह फैसला आया।