पिंपरी चिंचवड़ में रोजाना जलापूर्ति साल के अंत तक

पिंपरी। विगत सालभर से रोजाना जलापूर्ति की बाट जोह रहे पिंपरी चिंचवड़ शहरवासियों को इस साल के अंत तक हर रोज जलापूर्ति शुरू हो सकेगी। यह उम्मीद मनपा के अतिरिक्त आयुक्त अजीत पवार ने जताई है। उन्होंने कहा, रावेत में पुराने तटबंध के नीचे नया तटबंध बनाया जा रहा है, इसके लिए बजट में 25 लाख रुपए का प्रावधान किया गया है।
पवार ने कहा, पिंपरी-चिंचवड़ की आबादी करीब 30 लाख है। फिलहाल शहर काे प्रतिदिन 500 एमएलडी पानी की आपूर्ति की जा रही है। तेजी से हाे रहे शहरीकरण तथा बढ़ती आबादी के चलते पानी की मांग में लगातार वृद्धि हाे रही है। पिछले कुछ सालाें से प्रतिवर्ष बारिश का समय बदल रहा है। इसलिए पवना बांध में उपलब्ध जलसंचय से पानी उपलब्ध कराने हेतु जलापूर्ति व्यवस्था में बदलाव करने पड़ते हैं। फिलहाल शहर में एक दिन छोड़कर जलापूर्ति की जा रही है। इस साल के अंत तक 100 एमएलडी अतिरिक्त पानी उपलब्ध हाेने पर नियमित जलापूर्ति की जा सकेगी।
अपनी बात को आगे बढाते हुए पवार ने संवाददाताओं को बताया कि, पिंपरी चिंचवड शहर में आबादी जिस तेजी से बढ़ रही है, उसके अनुरूप जलस्त्राेताें में पानी आरक्षित करने की याेजनाएं बनाई गई हैं। आंद्रा व भामा-आसखेड़ बांध से पानी लाने, चिखली में जलशुद्धिकरण केंद्र का निर्माण व नए सिरे से विकसित हाे रहे चिखली, चर्हाेली, वडमुखवाड़ी, दिघी व माेशी जलापूर्ति याेजनाओं का काम शुरू किया गया है। मनपा ने आंद्रा बांध से प्रतिदिन 100 एमएलडी तथा भामा-आसखेड़ बांध से प्रतिदिन 167 एमएलडी पानी का काेटा आरक्षित किया है। इसी क्रम में आंद्रा व भामा-आसखेड़ बांध से पानी लाने, चिखली में जलशुद्धिकरण केंद्र का निर्माण तथा नए सिरे से विकसित हाे रहे चिखली, वडमुखवाड़ी, दिघी व माेशी परिसराें में पानी आपूर्ति की व्यवस्था की जाएगी।
निघाेजे-तलवड़े, देहू से चिखली के जलशुद्धिकरण केंद्र तक मेन पाइपलाइन बिछाने का कार्य शुरू कर दिया गया है। फिलहाल जलापूर्ति विभाग के माध्यम से भामा-आसखेड़ जैकवेल से बीपीटी मेन पाइपलाइन बिछाने, बीपीटी से देहू तक पाइपलाइन बिछाने का कार्य शुरू है। निघाेजे-तलवड़े से 100 एमएलडी तथा भामा-आसखेड़ से 200 एमएलडी पानी निकालने के लिए जैकवेल पम्पिंग स्टेशन का निर्माण, पाइपलाइन बिछाने हेतु जगह कब्जे में लेने, अनुमति प्राप्त करने तथा संबंधित अन्य प्रक्रियाएं शुरू कर दी गई है। इसके अलावा रावेत में पुराने तटबंध के नीचे नया तटबंध बनाया जा रहा है।