दाभोलकर हत्याकांड: कांग्रेस विधायक के पीए ने दी थी शूटर्स को पिस्तौल चलाने की ट्रेनिंग 

पुणे। समाचार ऑनलाइन 
शूटर अधूरे 14 दिन की न्यायिक और बनगेरा, दिगवेकर 10 दिन की सीबीआई हिरासत में 
 
 
अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के संस्थापक अध्यक्ष डॉ नरेंद्र दाभोलकर हत्याकांड में गिरफ्तार सचिन अधूरे को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश पुणे के सत्र न्यायालय ने दिया है। इसी के साथ ही पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या के मामले में कर्नाटक एसआईटी की हिरासत में रहे राजेश डी बनगेरा और अमित रामचंद्र दिगवेकर को सीबीआई ने दाभोलकर हत्याकांड में अपनी हिरासत में लिया है।

शनिवार को उन्हें भी पुणे के सत्र न्यायालय में पेश किया गया जहाँ उन्हें 10 दिन की सीबीआई हिरासत में भेजने का आदेश दिया गया। सीबीआई ने अदालत में दी गई अपनी दलील में खुलासा किया है कि, बनगेरा ने दाभोलकर की हत्या को अंजाम देनेवाले सचिन अंधूरे और शरद कलसकर को पिस्तौल चलाने की ट्रेनिंग दी थी। वहीं दिगवेकर ने हत्या से पहले दाभोलकर की रेकी की थी। बनगेरा कर्नाटक में एक कांग्रेस विधायक पीए था, यह भी सीबीआई ने बताया।

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नालासोपारा विस्फोटक सामग्री मामले में वैभव राउत, सुधन्वा गोंधलेकर और शरद कलसकर को महाराष्ट्र एटीएस ने गिरफ्तार किया है। पूछताछ के दौरान शरद के दाभोलकर की हत्या में शामिल रहने की जानकारी सामने आयी। उसने जांच में स्वीकार किया है कि इस हत्या में वह और सचिन अंधूरे शामिल है। इसके अनुसार सचिन अंधूरे के गिरफ्तार कर दाभोलकर हत्या की जाँच कर रही सीबीआई के हवाले किया गया।

सीबीआई की जाँच में दाभोलकर और पत्रकार गौरी लंकेश हत्या के आरोपियों का कनेक्शन उजागर हुआ। दाभोलकर हत्या में पहले गिरफ्तार किये गए वीरेंद्र तावड़े और लंकेश हत्या के मामले में कर्नाटक एसआईटी द्वारा गिरफ्तार पिंपरी चिंचवड़ निवासी अमोल काले दोनों दाभोलकर हत्या के मास्टरमाइंड हैं। वहीं कलसकर और अंधूरे ने हत्या की इस वारदात को अंजाम दिया है, यह दावा सीबीआई ने किया है। इन कड़ियों को जोड़ने के लिए सीबीआई एटीएस की कस्टडी में रहे कलसकर और कर्नाटक एसआईटी की कस्टडी में रहे अमोल काले और अन्य आरोपियों को अपनी कस्टडी में लेने की कोशिशों में हैं।

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नालासोपारा विस्फोटक सामग्री मामला: पुणे के साथ मुंबई में भी थी आतंकी हमले की साजिश 

 

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शुक्रवार को सीबीआई को कर्नाटक एसआईटी की कस्टडी में रहे राजेश बनगेरा और अमित दिगवेकर की कस्टडी मिल गई। सचिन अंधूरे की कस्टडी ख़त्म होने से उसके साथ राजेश और अमित को भी शनिवार को पुणे के सत्र न्यायालय में पेश किया गया। यहाँ सचिन को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजने के साथ ही अन्य दोनों को दस दिन की सीबीआई कस्टडी में भेजने का आदेश दिया। इन दोनों आरोपियों की दाभोलकर हत्या में रही भूमिका को स्पष्ट करते हुए सीबीआई के वकील ने अदालत में बताया कि, राजेश बनगेरा ने अंधूरे और कलसकर को महाराष्ट्र और कर्नाटक में पिस्तौल चलाने की ट्रेनिंग दी थी।
वह कर्नाटक में एक कांग्रेस विधायक के पीए के तौर पर भी काम करता था। वहीं बीते 15 सालों से गोवा के फोंडा स्थित सनातन संस्था के आश्रम में रहता था, उसने डॉ दाभोलकर की हत्या से पहले उनकी रेकी करने में अहम भूमिका निभाई है। आरोपियों के वकीलों ने सीबीआई की जाँच पर यह कहकर सवाल उठाया कि वह हर बार नई थियेरी बता रही है। सीबीआई की पहली चार्जशीट में सारंग अकोलकर और विनय पवार को शूटर्स बताया गया है, इस और भी अदालत का ध्यानाकर्षित किया। हांलाकि सीबीआई ने अदालत को बताया कि हत्या के बाद तैयार किये गए स्केच के आधार पर उन दोनों के शूटर्स रहने की संभावना जताई गई थी।

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