बिटकॉइन की फिरौती के लिए स्मार्ट सिटी के सर्वर पर सायबर अटैक

27 सर्वर पर हुए अटैक से 5 करोड़ का नुकसान
पिंपरी। केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी स्मार्ट सिटी परियोजना में शामिल पिंपरी चिंचवड़ स्मार्ट सिटी कॉर्पोरेशन के 27 सर्वर पर सायबर अटैक किये जाने का चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यह सायबर अटैक रैन्समवेयर के जरिये किये जाने की जानकारी सामने आई है। स्मार्ट सिटी परियोजना के 27 सर्वर पर सायबर अटैक कर उसका डेटा इनक्रिप्ट किया गया है और उसे वापस करने के लिए फिरौती के रूप में बिटकॉइन की मांग किये जाने की जानकारी पिंपरी चिंचवड़ पुलिस ने दी है।
केंद्र सरकार ने देश के चुनिंदा शहरों को स्मार्ट सिटी बनाने का फैसला किया है जिसमें पुणे के साथ पिंपरी चिंचवड़ शहर का समावेश भी किया गया है। इस परियोजना के तहत स्मार्ट पार्किंग, वाटर सप्लाई, सीवेज, पर्यावरण, सीसीटीवी जैसी नागरी सुविधाएं लोगों को मुहैया कराई जाएंगी। इसका कार्यालय निगड़ी स्थित पिंपरी चिंचवड़ मनपा के अस्तित्व मॉल में है। इस परियोजना का काम टेक महिंद्रा, क्रिस्टल औऱ आर्क्‍स इन्फ्रोटेक नामक तीन कंपनियों को सौंपा गया है। इसके लिए करीबन 300 सर्वर बनाये गए हैं।
स्मार्ट सिटी परियोजना के लिए बनाए गए सर्वरों में से 27 सर्वरों पर हैकर्स ने रैन्समवेयर के जरिये सायबर अटैक किया गया है। यह अटैक 26 फरवरी को हुआ है हालांकि इसकी शिकायत पुलिस में मंगलवार को दर्ज कराई गई है। शिकायत देरी से दर्ज कराने की वजह सामने नहीं आ सकी है। पिंपरी चिंचवड़ की सायबर पुलिस के अनुसार इस सायबर अटैक के पीछे विदेशी हैकर्स का हाथ हो सकता है। अस्तित्व मॉल में अब तक स्मार्ट सिटी का काम पूरी क्षमता से शुरू नहीं हुआ है। उससे पहले ही 27 सर्वर पर सायबर अटैक कर उसका डेटा इनक्रिप्ट किया गया है। इससे करीबन पांच करोड़ रुपए का नुकसान होने की जानकारी सामने आ रही है।
सायबर पुलिस के मुताबिक इनक्रिप्ट किया गया डेटा उसी हैकर्स से वापस हासिल किया जा सकता है जिसने उसे इनक्रिप्ट किया है। इसी वजह से हैकर्स ने बिटकॉइन के रूप में फिरौती की मांग की है। हैकर्स बिटकॉइन प्राप्त होने की पुष्टि करने के बाद हैक किया गया डेटा रीडेबल बना देते हैं। इस बारे में टेक महिंद्रा के प्रोग्राम मैनेजर महेंद्र लाठी द्वारा शिकायत दर्ज कराने के बाद पुलिस ने अज्ञात हैकर्स के खिलाफ मामला दर्ज किया है। हालांकि शिकायत दर्ज कराने में हुए विलंब और जैसा कि शिकायत में 5 करोड़ रुपए का नुकसान होने का दावा किया गया है, निश्चित रुप से क्या डेटा इनक्रिप्ट किया गया है, इसकी जानकारी नहीं मिल सकी है।