Crime | अत्याचार करने वाले बाप का नाम  मेरे नाम के आगे से हटाया  जाए ; पीड़ित लड़की दवारा कोर्ट से अपील 

वर्धा (Wardha News), 29 जुलाई : खुद की नाबालिग बेटी के साथ बलात्कार (Rape) कर रिश्ते को कलंकित करने की घटना (Crime) देवली तालुका के दहेगांव (Dahegaon) (धांदे ) में चार साल पहले घटी थी।  इस मामले में कोर्ट (Court) के समक्ष चस्मदीदो के बयान दर्ज होने के बाद नाबालिग लड़की ने कोर्ट से कहा है कि मेरी उम्र 18 वर्ष होने के बाद मेरे नाम के साथ कुकर्मी पिता का नाम (Father’s Name) हटा दिया जाए।  उसकी इस विनती पर ये साफ हो रहा है कि उसके मन में अपने पिता को लेकर कितनी घृणा है।  इस मामले में अतिरिक्त स्पेशल कोर्ट के न्यायाधीश 1 वी टी सूर्यवंशी (V T Suryavanshi) ने फैसला सुनाते हुए कुकर्मी पिता को उम्रकैद की सजा (Crime) सुनाई है।

 

सजा पाने वाला आरोपी देवली तालुका के दहेगांव (धांदे ) का रहने वाला है।  आरोपी पीड़ित लड़की (victim girl) का सगा बाप है।  जब लड़की छोटी थी तभी उसकी मां की मौत हो गई थी।  इसके बाद आरोपी (Criminal) ने दूसरी शादी की।  आरोपी पहले शराब बेचने का काम करता था।  आरोपी दवारा तंग किये जाने से परेशान होकर लड़की एक बालगृह में रहकर पढाई करती थी।  1 अगस्त 2017 को आरोपी पीड़ित को घर लेकर आया।  इसी दिन मध्यरात्रि उसने पीड़ित के मुंह पर कपडा बांधकर उसके साथ बलात्कार (Rape) किया।  साथ ही घटना के बारे में किसी को बताने पर जान से मार देने की धमकी दी थी।
आरोपी यही नहीं रुका।  उसने इसके बाद लड़की का शारीरिक शोषण (physical torture) करने की शुरुआत की थी।  जब लड़की को यह सब बर्दाश्त नहीं हुआ तो उसने पुलगांव पुलिस स्टेशन (Pulgaon Police Station) में इसके खिलाफ शिकायत दर्ज करा दी।  उसकी शिकायत पर पुलिस ने केस दर्ज कर लिया।  इस मामले की जांच सहायक पुलिस इंस्पेक्टर सपना निरंजने (Sapna Niranjane) ने पूरी कर मामले को कोर्ट के समक्ष रखा।

सजा इस तरह का (Crime)

इस मामले में फैसला सुनाते हुए न्यायाधीश वी टी सूर्यवंशी ने बाललैंगिक अत्याचार प्रतिबंधक कानून (child sex abuse law) की धारा 6 के अनुसार आजीवन कारावास और दो हज़ार रुपए दंड और दंड नहीं भरने पर 6 महीने की अतिरिक्त सजा सुनाई है।  साथ ही पीड़िता के भविष्य और शिक्षा के लिए जिला विधि सेवा प्राधिकरण (District Legal Services Authority), वर्धा के तहत और मनोधैर्य योजना के तहत आर्थिक भरपाई करने का आदेश दिया है।

6 चश्मदीदों के बयान पर जुटाए सबूत

इस मामले में सरकारी वकील ऐड. विनय आर घुड़े (Vinay R Ghude) ने कोर्ट में अपनी दलील पेश की। कोर्ट में 6 चश्मदीदों से की गई पूछताछ की जानकारी रखी गई थी।

 

पैरवी अधिकारी के रूप में सहायक फौजदार अनंत रिंगने ने काम देखा।

 

 

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