Crime in Mumbai | बेटा-बहू के उत्पीड़न से मुक्त हुए बुजुर्ग दंपत्ति; बेटे को 10 दिनों में आलीशान घर छोड़ने का आदेश

मुंबई : Crime in Mumbai | एक पढ़े-लिखे बेटे द्वारा अपने बुजुर्ग माता-पिता को प्रताड़ित करने की चौंकानेवाली घटना मुंबई में सामने आई है। कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए अहम आदेश जारी किया है। कोर्ट ने आरोपी बेटे को दस दिनों के भीतर अपने माता-पिता के आलीशान घर को छोड़ने (Crime in Mumbai) का आदेश दिया है। इसलिए अगले दस दिनों के भीतर संबंधित बेटे को अपनी पत्नी के साथ मुंबई के जुहू इलाके का आलीशान घर छोड़ना होगा। कोर्ट ने बुजुर्ग दंपति को बेटे और बहु के उत्पीड़न से आजादी दिलाई है।

संबंधित बेटे का नाम आशीष दलाल है और वह अपनी पत्नी और माता-पिता के साथ मुंबई के जुहू इलाके में एक आलीशान इमारत में रहता है। संबंधित बेटे और बहु ने बुजुर्ग दंपति को परेशान करना शुरू कर दिया था। इस मामले में बुजुर्ग दंपत्ति मेंटेनेंस आर्बिट्रेशन के पास गए और दुर्व्यवहार की जानकारी दी। तब मध्यस्थता ने बेटे और बहू को अपने माता-पिता का घर छोड़ने का आदेश दिया। माता-पिता और वरिष्ठ नागरिक देखभाल और कल्याण अधिनियम के तहत एक मध्यस्थता द्वारा आदेश पारित किया गया था।

पिछले साल अक्टूबर में अदालत के फैसले को बेटे आशीष ने चुनौती दी थी। हालांकि, न्यायमूर्ति गिरीश कुलकर्णी ने मध्यस्थता के फैसले को बरकरार रखा और याचिकाकर्ता को अपने माता-पिता का घर छोड़ने का आदेश दिया। अदालत ने उन्हें दस दिन के भीतर घर से बाहर निकलने को भी कहा।

कोर्ट ने अपने फैसले में कहा, ‘हमारे सामने हताश माता-पिता की दुखद कहानी है। वे जीवन के इस समय को शांति और खुशी से जीना चाहते हैं। उनकी न्यूनतम जरूरतें हैं। लेकिन अमीर बेटे की वजह से वे अपनी उम्मीदों और जरूरतों से वंचित रह जाते हैं। बुजुर्ग और जरूरतमंद माता-पिता की देखभाल करने के बजाय उन्हें सताया जा रहा है। याचिकाकर्ता अपने कर्तव्य में पूरी तरह विफल रहा है। इस उम्र में बच्चे ने अपने बुजुर्ग माता-पिता को कोर्ट जाने पर मजबूर कर दिया है।

 

Maharashtra | एक साथ आये तो भावी सहकारी… मुख्यमंत्री के बयान के बाद राजनीतिक गलियारे में चर्चा शुरू