हत्या के मामलों में 7 साल से फ़रार शातिर अपराधी पर शिकंजा

पिंपरी : समाचार ऑनलाइन – पिंपरी चिंचवड़ पुलिस की क्राइम ब्रांच के यूनिट 2 ने निगड़ी के ओटा स्कीम इलाके से एक ऐसे शातिर बदमाश पर शिकंजा कसने में सफलता प्राप्त की है, जो कि हत्या जैसे गंभीर आपराधिक मामलों में सात साल से फरार चल रहा था। उसके पास से एक देसी पिस्तौल और जिंदा कारतूस बरामद किए गए हैं। गिरफ्तार आरोपी का नाम संतोष मधुकर मांजरे (29, निवासी कोरेगांव खुर्द, खेड, पुणे) है।
यूनिट 2 के पुलिस निरीक्षक शैलेश गायकवाड से मिली जानकारी के अनुसार, हत्या के दो मामलों में गत सात साल से पुलिस को चकमा देकर फरार चल रहा एक आरोपी निगड़ी के ओटा स्कीम इलाके में आने वाला है। यह जानकारी यूनिट 2 के पुलिस उपनिरीक्षक संजय निलपत्रेवार और कर्मचारी शिवानंद स्वामी को मुखबिर से मिली थी। इसके अनुसार पुलिस निरीक्षक शैलेश गायकवाड, उपनिरीक्षक संजय निलपत्रेवार, सहायक फौजदार दिलीप चौधरी, संपत निकम, संजय पंधरे, शिवानंद स्वामी, केराप्पा माने, प्रमोद वेताळ, उषा दले, विपुल जाधव, आतिष कुडके, शिवाजी मुंडे, अजित सानप, नामदेव राऊत, नामदेव कापसे के समावेश वाली टीम ने जाल बिछाकर संतोष माँजरे को हिरासत में लिया।
पुलिस ने बताया कि संतोष वहां किसी का इंतजार कर रहा था। हिरासत में लेकर तलाशी लेने पर उसके पास से एक पिस्तौल और एक कारतूस बरामद हुआ है। इसके चलते उसे गिरफ्तार कर उसके खिलाफ निगड़ी पुलिस थाने में आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया। संतोष और उसके साथी मंगेश गाडे ने मार्च 2013 में दत्तात्रय नामदेव घनवट (कोरेगांव खुर्द, खेड़, पुणे) की कोयते से वार कर हत्या कर दी थी। इस मामले में फरार रहने के दौरान दूसरे ही माह में यानी अप्रैल 2013 को संतोष ने कैलास जावले, सागर जावले नामक साथियों के साथ मिलकर सियासी विवाद में धनंजय वसंत आवटे (निवासी कुरकुंडी) की गोली मारकर और कोयते से वार करते हुए हत्या कर दी। हत्या के दो-दो मामलों में संतोष गत सात साल से फरार चल रहा था। इस दौरान उसने चाकण और म्हाळुंगे परिसर में अपनी खासी पैठ बनाकर रखी। आखिरकार पुलिस ने उसे दबोचकर सलाखों के पीछे डाल दिया।