कथित उत्पीड़न मामले में 1 जुलाई तक रिपोर्ट पेश करने का कोर्ट का आदेश; संजय राऊत पर आरोप

मुंबई : शिवसेना के सांसद संजय राऊत पर एक 36 वर्षीय महिला द्वारा किए गए उत्पीड़न के आरोप के संदर्भ में रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए मुंबई पुलिस आयुक्त ने गुरुवार को उच्च न्यायालय से कुछ समय की मांग की। कोर्ट ने उनकी बात को मान्य करते हुए आयुक्त को 1 जुलाई तक का समय दिया है। 1 जुलाई तक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश दिया है।

संजय राऊत और मेरे पति ने मेरा उत्पीड़न करने की कोशिश की, ऐसी शिकायत एक उच्चशिक्षित महिला ने कोर्ट में किया। उसके पीछे आदमी लगाने, जासूसी करने, जान से मारने की धमकी, धमकाने आदि का आरोप उसने राऊत और अपने पति पर लगाया। इस याचिका पर 22 जून को न्या. एस एस शिंदे व न्या. एन जे जमादार की खंडपीठ के सामने हुई। इसमे मुंबई पुलिस आयुक्त को 24 जून तक रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया गया था।

मुख्य सरकारी वकील दीपक ठाकरे ने कहा कि पुलिस आयुक्त ने रिपोर्ट पेश करने के लिए समय की मांग की है। आयुक्त ने कागजात मंगवाए हैं। जांच के बाद सर्वसमावेशक रिपोर्ट पेश किया जाएआ। कोर्ट ने उनके आग्रह को मान्य करते हुए 1 जुलाई तक का समय दिया है। हालांकि कहा गया है कि आगे और समय नहीं दिया जाएगा।

संबंधित महिला द्वारा इस याचिका को कोर्ट में दायर करने के बाद उसे साइकोलॉजी में फर्जी डिग्री लेने के मामले में पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इस गिरफ्तारी को भी महिला ने उच्च न्यायालय में चुनौती दी है। मार्च में हुई सुनवाई में संजय राऊत की ओर से वरिष्ठ वकील प्रसाद ढाकेफालकर ने याचिकाकर्ता द्वारा लगाए गए आरोप को खारिज किया है। याचिकाकर्ता राऊत की फैमिली फ्रेंड है, उनकी बेटी जैसी है, ऐसा राऊत के वकील ने कोर्ट में कहा है।