निर्माणकार्य मजदूरों की कल्याणकारी योजनाओं में भ्रष्टाचार!

पिंपरी। सँवाददाता – निर्माणकार्य मजदूरों के लिए चलाए जानेवाली कल्याणकारी योजनाओं में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए महाराष्ट्र मजदूर संगठन के अध्यक्ष इरफान सय्यद ने भाजपा पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि भाजपा के कार्यकाल में निर्माणकार्य मजदूरों का फर्जी रजिस्ट्रेशन कर लाखों रुपए का गबन किया गया है। निर्माणकार्य मजदूर कल्याण मंडल में पंजीकृत रहे मजदूरों के साथ सौतेलेपन का बर्ताव किया जा रहा है। सय्यद ने इस बारे में राज्य के श्रम मंत्री दिलीप वलसे पाटिल को एक ज्ञापन भी सौंपा है।
हर साल निर्माणकार्य मजदूरों को राज्य सरकार द्वारा पंजीकृत किया जाता है। पंजीकरण के लिए अर्हता प्राप्त करने के लिए श्रमिकों की आयु 18 से 60 वर्ष के बीच होनी चाहिए। इसके अलावा, एक शर्त यह भी है कि पिछले 12 महीनों में 90 से अधिक दिन तक निर्माणकार्य किया जाना चाहिए। मजदूरों को श्रमिक कल्याण मंडल के साथ पंजीकृत करने के बाद वे विभिन्न योजनाओं से लाभान्वित हो सकते हैं। हालांकि, तत्कालीन भाजपा सरकार ने मंडल के अधिकारियों को मैनेज कर भ्रामक और धोखाधड़ी की जानकारी के आधार पर फर्जी लाभार्थी पंजीकृत किये और उन्हें तमाम योजनाओं का लाभ दिलाया।
इरफ़ान सय्यद ने आरोप लगाया है कि, भाजपा ने विधानसभा चुनावों के दौरान, इन फर्जी लाभार्थियों को वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल किया। जिले-वार भाजपा बहुल जिले में बड़ी निर्माण परियोजनाओं की कमी के बावजूद, विभाग ने अनुदान के माध्यम से लाखों रुपये की फिजूलखर्ची की गई। विपक्षी दलों के जिलों में, नियमित लाभार्थी श्रमिकों को अनुदान कटौती, कठोर और जटिल नियमों के माध्यम से अन्याय किया गया। इस योजना में व्यापक भ्रष्टाचार हुआ है। महाराष्ट्र राज्य निर्माणकार्य श्रमिक और अन्य श्रम कल्याण मंडल में पंजीकृत 20 लाख 67 हजार 758 श्रमिकों में से, मात्र 5 लाख 8 हजार 379 निर्माण श्रमिकों को कल्याणकारी योजनाओं का लाभ मिला हैं। शेष 15 लाख 59 हजार 379 निर्माणकार्य मजदूर इससे वंचित रह गए हैं। पिंपरी चिंचवड के करीबन 40 हजार मजदूरों के साथ नाइंसाफी हुई है।