दक्षिण भारत में तेजी से फैल रहा कोरोना, 15 गुना ज्यादा रफ्तार है इसकी

ऑनलाइन टीम. हैदराबाद : कोरोना और डराने लगा है। नए-नए रूप में वह और विकराल होता नजर आ रहा है। भारत में दूसरी लहर से परेशान लोगों के लिए और परेशान करने वाली खबर है कि मौजूदा वायरस से कई गुना खतरनाक वायरस तेजी से दक्षिण भारत में लोगों को अपना शिकार बना रहा है। कोरोना वायरस के इस नए स्ट्रेन B1617 ने विशेषज्ञों की नींद उड़ा दी है। कुछ विशेषज्ञ कह रहे हैं कि यह 15 गुना ज्यादा खतरनाक है।

सेंटर फॉर सेल्युलर ऐंड मॉलिक्युलर बायोलॉजी (सीसीएमबी) के वैज्ञानिकों ने मंगलवार को कहा कि डबल म्यूटेंट कहे जाने वाले दो स्ट्रेन  बेहद खतरनाक साबित हो सकते हैं।

यह वैरियंट इसलिए ज्यादा खतरनाक है, क्योंकि पिछले वाले स्ट्रेन से लोगों की हालत बिगड़ने में एक सप्ताह का समय लगता थ। लेकिन यह नया स्ट्रेन तीन से चार दिनों में ही लोगों की हालत खराब कर रहा है। उनमें ऑक्सिजन की कमी दिखने लगती है। यह इसलिए भी खतरनाक है, क्योंकि यह युवाओं और बेहतर इम्युनिटी वालों को भी अपनी चपेट में ले रहा है।

वैज्ञानिक दिव्या तेज सोपाती ने बताया है कि वायरस केरल समेत अन्य राज्यों में बी.1.617 स्वरूप तेजी से एन440 की जगह ले रहा है। उन्होंने विस्तार से बताया कि भारत में कोविड-19 की दूसरी लहर में एन440के की वंशावली ज्यादा प्रभावी नहीं है।

पहली लहर और उसके बाद दक्षिण भारत में एन440के का उत्परिवर्तन चिंता का विषय था, लेकिन अभी के आंकड़े यह दिखाते हैं कि बी1617 और बी117 जैसे नए स्वरूपों ने इसकी जगह ले ली है।

सीसीएमबी के पूर्व डायरेक्टर राकेश मिश्रा का कहना है कि डबल म्यूटेंट की वजह से इस समय कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में ज्यादा रोगी बीमार हुए हैं।

इस साल करीब 5 हजार वैरिएंट की पड़ताल कर सीसीएमबी इस नतीजे पर पहुंचा था कि N440K दूसरे वैरिएंट की तुलना में ज्यादा तेजी से फैल रहा है। लेकिन अब B1617 इसे भी पीछे छोड़ रहा है।