कोरोना एक दुश्मन है जिसने घर में घुसपैठ की, उसकी सर्जिकल स्ट्राइक होनी चाहिए : हाई कोर्ट

मुंबई : ऑनलाइन टीम – कोरोना वह दुश्मन है जिसने घर में घुसपैठ की है। इस कोरोना पर सर्जिकल स्ट्राइक की जानी चाहिए। मुंबई उच्च न्यायालय ने फैसला सुनाया है कि टीकाकरण के लिए बाहर जाने की प्रतीक्षा किए बिना लोगों को उनके घरों पर ही टीका लगाया जाना चाहिए। यह दक्षिण के कुछ राज्यों में हो सकता है, यह उत्तर-पूर्व में हो सकता है, तो पश्चिमी राज्यों में क्यों नहीं? यह सवाल भी हाईकोर्ट ने पूछा था।

दरसअल उच्च न्यायालय के अधिवक्ता ध्रुती कापाडिया और कुणाल तिवारी ने एक जनहित याचिका दायर कर राज्य में कोरोना की दूसरी लहर के दौरान 75 वर्ष की आयु पूरी करने वाले वरिष्ठ नागरिकों को घर जाने और टीका लगाने की मांग की है क्योंकि उनके लिए टीकाकरण के लिए बाहर जाना संभव नहीं है। हाईकोर्ट में याचिका पर सुनवाई हुई।

मुंबई में भी कुछ बड़े राजनीतिक नेताओं को घर पर ही टीका लगाया गया, किसने दिया? किसी को तो जिम्मेदारी लेनी ही पड़ेगी, चाहे वह नगर निगम हो या राज्य सरकार? हाई कोर्ट ने कहा, ‘हमने इजाजत तो दी, लेकिन बीएमसी ने केंद्र सरकार को अपनी हताशा दिखाई। उच्च न्यायालय ने सलाह दी कि वरिष्ठ नागरिक जो अपने घरों में बिस्तर पर पड़े हैं, उन्हें मानवीय दृष्टिकोण से माना जाना चाहिए। हाईकोर्ट ने केंद्र को शुक्रवार तक घर-घर टीकाकरण की नीति पर गंभीरता से विचार करने का निर्देश दिया है।

8 जून 2021 की सुनवाई में क्या हुआ था?
राज्य में कोरोना वायरस की संख्या को देखते हुए वरिष्ठ नागरिक इस समय घर जाकर टीका नहीं लगवा सकेंगे। हालांकि, उनके लिए अपने घरों के पास टीका लगाया जाना संभव है, केंद्र ने मंगलवार (8 जून) को मुंबई उच्च न्यायालय में सुनवाई में कहा था। केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तुत हलफनामे के अनुसार, टीकाकरण से 28 मई तक 25,309 लोगों ने साइड इफेक्ट का अनुभव किया है, जिनमें से 1,183 मामले गंभीर हैं। हलफनामे में कहा गया है कि 475 नागरिकों की जान चली गई। भारत में लगभग 25 करोड़ लोगों को टीका लगाया जा चुका है। केंद्र सरकार ने कहा कि इतनी बड़ी आबादी होने के बावजूद हम प्रभावी ढंग से टीकाकरण अभियान चला रहे हैं।