कोरोना ने भेद नहीं किया, लेकिन वैक्सीन खरीदी में सामने आ रहा है अमीर-गरीब देश का अंतर      

वाशिंगटन. ऑनलाइन टीम : कोरोना ने अपने काल में धनी और गरीब में कोई फर्क नहीं किया। संक्रमण के लपटे में बिना विभेद किए लापरवाह लोगों पर असर डाला, लेकिन उसके बचाव के प्रयासों में यह विभेद देखने को मिल रहा है। दरअसल, बाजार में आने से पहले ही कोरोना वायरस संक्रमण के वैक्सीन की धनी देशों ने जिस तरह खरीदारी के ऑर्डर दे दिए हैं, उससे अंदेशा पैदा हो गया है कि लंबे समय तक वैक्सीन गरीब देशों और वहां की गरीब आबादी की पहुंच से दूर बना रहेगा।

कई धनी देशों ने अपनी जनसंख्या की जरूरत से कई गुना ज्यादा वैक्सीन के ऑर्डर दे दिए हैं। इतनी बड़ी संख्या में एक देश ने वैक्सीन के ऑर्डर दे दिए हैं, जिससे वे अपनी आबादी का तीन बार टीकाकरण कर सकते हैँ। इसे देखते हुए पीपुल्स वैक्सीन एलायंस का कहना है कि जिस तरह सबसे धनी देश वैक्सीन के ऑर्डर देते जा रहे हैं, उसे देखते लिए लगता है कि सबसे गरीब 70 देश 2021 में अपनी दस फीसदी आबादी का ही टीकाकरण कर पाएंगे।

विशेषज्ञों ने कहा है कि विभिन्न देशों का पहले अपने नागरिकों का टीकाकरण सुनिश्चित करने की इच्छा को समझा जा सकता है। लेकिन यह एक दुखद हकीकत है। जानकारों का कहना है कि अगर सप्लाई ही ना हो तो धन जुटा लेना काफी नहीं है। उनके मुताबिक इस मामले में अभी तक स्थिति बेहद जटिल नजर आती है।